दुर्घटना
अमरनाथ हादसे में 17 लोगों की मौत की वजह बादल फटना नहीं
अमरनाथ हादसे में 17 लोगों की मौत की वजह बादल फटना नहीं
सीएन, जम्मू। अमरनाथ यात्रा के दौरान 8 जुलाई को हुए हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी। बादल फटने को हादसे का कारण बताया गया था। वहीं अब मौसम विभाग ने बड़ा दावा किया है कि बादल फटना हादसे की वजह नहीं है। मौसम विभाग ने आंकड़े देते हुए बताया कि 8 जुलाई को शाम 4.30 बजे से शाम 7.30 बजे के बीच केवल 75 मिमी बारिश हुई थी, जो इसे बादल फटने के रूप में वर्गीकृत करने के लिए आवश्यक से बहुत कम थी। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार प्रति घंटे 100 मिमी या उससेअधिक वर्षा को बादल फटना कहा जाता है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हमारे पास अमरनाथ गुफा मंदिर के नीचे एक स्वचालित मौसम स्टेशन है, जिसमें 8 जुलाई को शाम 4.30 से 5.30 बजे के बीच 31 मिमी, शाम 5.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक 25 मिमी और शाम 6.30 से 7.30 बजे तक 19 मिमी बारिश दर्ज की गई है।” जम्मू-कश्मीर मौसम विज्ञान केंद्र, श्रीनगर के निदेशक ने चश्मदीदों के हवाले से कहा कि अधिकांश पानी मंदिर के ऊपर के क्षेत्र से आया था। हालांकि अमरनाथ यात्रा के दौरान हादसे में बचे लोगों ने कहा कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों को इस तरह की घटना की उम्मीद नहीं थी और वह अनजान थे। एक अन्य तीर्थयात्री रोहित शर्मा भी जो अपने दोस्तों के साथ मंदिर गए थे और वह लगभग 12.30 बजे पंचतरणी पहुंचे। उन्होंने कहा, “हमसे एक शिविर में रात्रि प्रवास के लिए 3,800 रुपये लिए गए। जबकि श्राइन बोर्ड द्वारा प्रति व्यक्ति 450 रुपये निर्धारित किए गए थे।” ललित और रोहित दोनों ने श्राइन बोर्ड के 15,000 तीर्थयात्रियों को बचाने के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि तीर्थयात्री खुद पहलगाम और बालटाल बेस कैंप पहुंचे थे।