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फेसबुक के मालिक जुकरबर्ग उड़ाते हैं पैसा, पीएम-सीएम नही होता इतना खर्च
फेसबुक के मालिक जुकरबर्ग उड़ाते हैं पैसा, पीएम-सीएम नही होता इतना खर्च
सीएन, नईदिल्ली। एक तरफ दुनियाभर की कंपनियों में कॉस्ट कटिंग चल रही है, आए दिन लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है। नई हायरिंग रोक दी गई है तो वहीं दूसरी तरफ फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग की सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर खर्च करने का प्लान तैयार किया गया है। बता दें, हाल ही में फेसबुक ने छंटनी की थी। फेसबुक की अगुआई वाली कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने कहा है कि उसने सीईओ और को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और उनके परिवार को दी जाने वाली सुरक्षा भत्ता में 4 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी की है, जिससे यह रकम 14 मिलियन डॉलर हो गई है। इसे रुपये में बदलें तो 1,15,70,09,000.00 होगा यानि 1 अरब 15 करोड़ 70 लाख और 9 हजार रुपये। बता दें, आज से कुछ ही दिन पहले इस कंपनी ने अपने यहां काम करने वाले हजारों कर्मचारियों को निकाल दिया था। कंपनी ने उस समय कमाई में आई कमी को कारण बताया था। मेटा ने एक फाइलिंग में कहा कि यह बढ़ा हुआ भत्ता, जुकरबर्ग के मौजूदा समग्र सुरक्षा कार्यक्रम की लागत के साथ उचित और आवश्यक है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम के मालिक ने हजारों नौकरियों में कटौती की है और खर्च करने की योजना को उस अवधि के लिए घटा दिया है। 38 वर्षीय जो फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में 16 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, उन्होंने 2021 में लगभग 27 मिलियन डॉलर का मुआवजा अर्जित किया। मेटा ने अभी तक पिछले वर्ष के लिए अपने वेतन पैकेज का खुलासा नहीं किया है। एक समय ऐसा था कि मार्क दुनिया के तीसरे अमीर व्यक्ति थे, लेकिन ये नंबर अब बदल गया है। मार्क धीरे-घीरे अमीर लोगों के लिस्ट से तीसरे नंबर से 16वें पर आ गए हैं। मार्क की आर्थिक गतिविधि की बात करें तो इस साल की नेट वर्थ 64.5 अरब डॉलर हो गई है जबकि 2020 में मार्क की नेट वर्थ 68.6 अरब डॉलर थी। ये आंकडे़ बताते हैं कि कैसे मार्क की कमाई मे कमी आई है। ऐसा माना जा रहा है कि फेसबुक में अधिक विज्ञापन आने से यूजर की रुची कम हो रही है, कई ऐसे यूजर हैं, जो कि फेसबुक से दूरी बनाने लगे हैं। यूजर की शिकायत रहती है कि फेसबुक पर फेक वीडियो का नियत्रंण नहीं रहता है, जिसके कारण फेसबुक यूज करने में डर लगता है। इसी साल फेसबुक ने बयान जारी करते हुए बताया था कि फेसबुक पर लगभग 37.80 प्रतिशत उकसाने वाले हिंसक कॉन्टेंट पाए गए हैं। फेसबुक के लाख प्रयास के बाद इस तरह के कॉन्टेंट पर रोक नहीं लगा पा रहा है। जिसके कारण यूजर्स ने अब फेसबुक से धीरे-धीरे दूरी बनाना शुरू कर दिया है।