क्राइम
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 31 लाख की ठगी में शामिल तीन अफसर गिरफ्तार
सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 31 लाख की ठगी में शामिल तीन अफसर गिरफ्तार
सीएन, देहरादून। एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस ने संगठित गिरोह का पर्दाफाश राष्ट्रीयकृत बैक (सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया) के तीन बैंक अधिकारियों को 30.95 लाख को ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। हाल ही में बैंक कर्मचारियो के द्वारा आम जनता के बैंक खातों में एसएमएस अलर्ट नम्बर बदल कर उनकी मेहनत की कमाई को उडाने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। साइबर क्राईम पुलिस को दी शिकायत में अतुल कुमार शर्मा पुत्र स्व रामस्वरुप शर्मा निवासी हर्रबटपुर थाना विकासनगर देहरादून द्वारा दी शिकायत में कहा गया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनकी माता के संयुक्त बैंक खाता सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में बिना माताजी की अनुमति के एसएमएस अलर्ट नम्बर बदल कर खाते से 30.95 लाख रुपये धोखाधड़ी से निकाले गये। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। लिस द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर,ई-मेल आईडी,ई-वालेट, तथा बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज व भौतिक साक्ष्यो के विश्लेषण करने पर जानकारी की गयी तो पता चला कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया के अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता की बिना अनुमति के धोखाधड़ीपूर्वक अपने खाताधारक के बैंक खाते से सम्बन्धित गोपनीय जानकारी में परिवर्तन कर नेट/मोबाईल बैंकिग के माध्यम शिकायतकर्ता की धनराशि से ऑनलाईन माध्यम से सोना खरीद बेचकर लाभ अर्जित किया जा रहा था। जिसके बाद साइबर थाने से विशेष टीम का गठन कर टीम द्वारा कम्पनियों से प्राप्त विवरण का गहनता से विश्लेषण एवं अन्य तकनीकी रुप से साक्ष्य एकत्रित कर पुलिस टीम तत्काल दिल्ली, एनसीआर, उप्र तथा हरियाणा रवाना हुई। पुलिस टीम ने घटना में संलिप्त सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया के बैंक प्रबन्धक निश्चल राठौर पुत्र नरेन्द्र पाल सिंह निवासी ग्राम शहबाजपुर पो0 जिनौरा थाना जिनौरा जनपद बदाँयू उत्तर प्रदेश हाल निवासी ईको विलेज 2 बी4 2003 ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश। उम्र 30 वर्ष को करोल बाग दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से पूछताछ पर यह तथ्य प्रकाश में आये कि उनके सहयोगी सेन्ट्रल बैंक के एएफओ मौ आजम व सेन्ट्रल बैंक ऑफ इन्डिया के ही सहायक प्रबन्धक कविश डंग के साथ मिलकर लम्बे समय से इनएक्टिव खातों की जानकारी कर उसके एसएमएस अलर्ट नम्बर को बदलकर नेट/मोबाईल बैंकिग के माध्यम शिकायतकर्ता की धनराशि से ऑनलाईन माध्यम से सोना खरीदकर उसको बेचकर लाभ अर्जित करते थे और लाभ से प्राप्त धनराशि को आपस में बाँट लिया करते थे। जिस पर उक्त दोनो आरोपियों को सेलाकुई व विकासनगर देहरादून से गिफ्तार किय गया। आरोपियों से पूछताछ में कई अहम सुराग सामने में आये हैं।