क्राइम
नैनीताल राजमहल कंपाउंड क्षेत्र में निर्माण के दौरान कहां था प्रशासन व प्राधिकरण
नैनीताल में बहुमंजिले भवन पर बरसे घन, ज़मीदोज़ होगी इमारत, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी
सीएन, नैनीताल। राजमहल कंपाउंड क्षेत्र में खराब मौसम के चलते अंसारी भवन की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई लंबित हो गई थी। गुरुवार को मौसम खुलने के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई फिर से शुरू की गई। आज फिर प्राधिकरण की टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया। प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में अभी समय लगेगा। जल्द ही अवैध रूप से बने भवन को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जाएगा। मालूम हो कि शहर के राजमहल कंपाउंड क्षेत्र में रईस अंसारी द्वारा बहुमंजिला भवन निर्मित कर दिया गया था। जिस पर प्राधिकरण की ओर से रोक लगाने के बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा। निर्माणकारी ने भवन में फ्लैटों का निर्माण कर कई लोगों को बेच भी दिया। ईधर बीते वर्ष प्राधिकरण टीम ध्वस्तीकरण को पहुंची तो निर्माणकारी हाईकोर्ट की शरण में चला गया। कुछ दिनों पहले कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए निर्माणकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना व मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। जिस पर बीते शुक्रवार को प्राधिकरण टीम ने ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया। मगर लगातार हो रही बारिश के कारण ध्वस्तीकरण पूरा नहीं हो सका था।
राजमहल कंपाउंड क्षेत्र में निर्माण के दौरान कहां था प्रशासन व प्राधिकरण
यहां एक महत्वपूर्ण प्रश्न खड़ा होता है कि नैनीताल के राजमहल कंपाउंड क्षेत्र में अंसारी भवन केवल एक रात में निर्मित नही हुआ है। इसे बनाने में सालों का समय लगा होगा। निर्माणकर्ता ने बिना नक्शा पास किये ही यह कारनामा कर दिया और प्रशासन व प्राधिकरण को इसकी भनक देर में क्यों लगी। यही नही निर्माणकर्ता ने इस भवन में बने फ्लैटों को लाखों में कई लोगों को बेच भी दिये। बताया जा रहा है कि राजमहल कंपाउंड क्षेत्र में रईस अंसारी द्वारा बहुमंजिला भवन निर्मित कर दिया गया था। जिस पर प्राधिकरण की ओर से रोक लगाने के बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा। अब प्रश्न यह उठता है कि नोटिस देने के बाद से क्या इसकी निगरानी नही की जानी थी। लेकिन ऐसा नही हुआ। इस खेल में झोल ही झोल दिखाई देते है। यह भी सवा आने सच है कि 1980 में झील विकास प्राधिकरण की स्थापना के बाद नैनीताल में लगातार अवैध व बहुमंजिली इमारतों का अंधाधुंध निर्माण हुआ आज प्राधिकरण की काहिली के कारण नैनीताल इसका दंश झेल रहा है।