धर्मक्षेत्र
15 दिसंबर 2024 तक रहेगा मार्गशीर्ष : श्रीकृष्ण की पूजा के लिए यह महिना है खास
15 दिसंबर 2024 तक रहेगा मार्गशीर्ष : श्रीकृष्ण की पूजा के लिए यह महिना है खास
सीएन, हरिद्वार। हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष यानी अगहन मास का अत्यंत महत्व है। शास्त्रों में इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का विशेष प्रिय महीना बताया गया है। श्रीमद्भगवद्गीता में स्वयं श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष मास की विशेषता को बताया है। वे कहते हैं मासानां मार्गशीर्षोऽहम् अर्थात् मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस साल अगहन माह 16 नवंबर 2024 से शुरू होकर 15 दिसंबर 2024 तक रहेगा। इसके बाद पौष माह की शुरुआत होती है। मार्गशीर्ष श्रीकृष्ण का प्रिय महीना है इस माह में जो कान्हा की उपासना करता है उन्हें जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है। स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है। मार्गशीर्ष माह 16 नवंबर 2024 से शुरू हो गया है और 15 दिसंबर 2024 तक चलेगा। इसके बाद पौष माह की शुरुआत हो जाएगी। इस साल मार्गशीर्ष माह के पहले दिन वृश्चिक संक्रांति भी है। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में जाएंगे।
बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम्। मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकर…अर्थात . मैं सामों में बृहत्साम, छन्दों में गायत्री, मासों में मार्गशीर्ष और ऋतुओं में वसन्त ऋतु मैं हूँ। इस श्लोक के माध्यम से श्रीकृष्ण ने स्वंय को मार्गशीर्ष महीना बताया है। कहते हैं इस महीने में जप, तप और ध्यान से हर बिगड़े काम बन जाते हैं। इस महीने में कान्हा के मंत्रों का जाप करने मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारंभ किया। मार्गशीर्ष मास में विष्णुसहस्त्र नाम, भगवत गीता और गजेन्द्रमोक्ष का पाठ जरुर करें इससे पितरों को मोक्ष मिलता है साथ ही जीवन में सुख का वास होता है। मार्गशीर्ष के महीने में शंख में पवित्र नदी का जल भरें और फिर इसे पूजा स्थान पर रखें। शंख को भगवान के ऊपर से मंत्र जाप करते हुए घुमाएं। इसके बाद शंख में भरा जल घर के कोने-कोने में छिड़क दें। इससे समृद्धि में वृद्धि होती है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अगर किसी की कुंडली में चंद्र दोष है, तो चंद्रमा संबंधी कुछ उपाय करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं या फिर दोष को कम कर सकते हैं। मार्गशीर्ष माह में तामसिक भोजन नहीं करें। इस माह में सर्दी का मौसम चरम पर रहता है, ऐसे में ठंडी चीजें दही, जीरा आदि का त्याग करें। कड़वे वचन न बोलें।