Connect with us

धर्मक्षेत्र

भानु सप्तमी : 25 जून को सूर्य पूजा का दुर्लभ संयोग, 11 साल पहले पहले बना था ऐसा योग

भानु सप्तमी : 25 जून को सूर्य पूजा का दुर्लभ संयोग, 11 साल पहले पहले बना था ऐसा योग
सीएन, उज्जैन।
वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्तमान में आषाढ़ मास चल रहा है, जिसके स्वामी स्वयं सूर्यदेव हैं। इसलिए आषाढ़ मास में की गई सूर्य पूजा का विशेष फल मिलता है, ऐसा धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार आषाढ़ मास में सूर्य पूजा का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग कई दशकों में एक बार बनता है। पंचांग के अनुसार, 25 जून, रविवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पूरे दिन रहेगी। धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास, रविवार और सप्तमी तिथि इन दिनों के ही स्वामी भगवान सूर्यदेव हैं। ये तीनों का एक साथ होना एक दुर्लभ संयोग है। इसे भानु सप्तमी कहते हैं। इस दुर्लभ संयोग में की गई सूर्य पूजा हर तरह के संकट दूर करने वाली मानी गई है। इसके पहले ऐसा संयोग 11 साल पहले 10 जून 2012 को बना था। 25 जून, रविवार को और भी कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन इस दिन तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग से सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग और त्रिपुष्कर योग बनेगा। वहीं मिथुन राशि में सूर्य-बुध साथ होने से बुधादित्य नाम का राजयोग भी बनेगा। इनके अलावा छत्र और मित्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन बनेंगे। इतने सारे सारे शुभ योगों के चलते इस बार भानु सप्तमी का पर्व बहुत ही खास बन गया है।
इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा
25 जून की सुबह जल्दी उठकर पहले स्नान आदि करें। इसके बाद दाहिने हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। तांबे के लोटे में साफ पानी लेकर इसमें लाल फूल और कुमकुम डालें।-इसी जल से सूर्यदेव को अर्ध्य दें। अर्ध्य देते समय ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करते रहें। ध्यान रखें कि सूर्य देव को चढ़ाया जाने वाला जल किसी के पैरों में न आए। ऐसा होना ठीक नहीं माना जाता। जल चढ़ाने के बाद अपनी मनोकामना सूर्यदेव के सामने बोलें। संभव हो तो इस दिन अलोन व्रत रखें। यानी बिना नमक का भोजन करें। जरूरतमंदों को अपनी इच्छा अनुसार भोजन आदि का दान करें। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो व्यक्ति पूरे विधि-विधान से भानु सप्तमी का व्रत और पूजा करता है, उसे हर तरह का सुख मिलता है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। संतान सुख भी प्राप्त होता है। पौराणिक ग्रंथों और शास्त्रों में भानु सप्तमी के पर्व को सूर्य ग्रहण के समान प्रभावकारी बताया गया है। इसमें जप, होम, दान आदि करने पर उसका सूर्य ग्रहण की तरह अनन्त गुना फल प्राप्त होता है। सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं। इनकी अर्चना से मनुष्य को सब रोगों से छुटकारा मिलता है। जो नित्य भक्ति और भाव से सूर्यनारायण को अर्ध्य देकर नमस्कार करता है, वह कभी भी अंधा, दरिद्र, दु:खी और शोकग्रस्त नहीं रहता है।

More in धर्मक्षेत्र

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING