धर्मक्षेत्र
दुबई की इमारतों का मुकाबला करेगी अयोध्या में बनने वाली मस्जिद
दुबई की इमारतों का मुकाबला करेगी अयोध्या में बनने वाली मस्जिद
सीएन, अयोध्या। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि के फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी गयी भूमि पर मस्जिद निर्माण के लिए अंतिम मंजूरी दे दी है। आर्किटेक्ट एसएम अख़्तर ने मस्जिद और अस्पताल का डिज़ाइन सार्वजनिक किया। ये मस्जिद अंडाकार होगी और दो मंजिल की इस मस्जिद के डिज़ाइन में कोई गुबंद या मीनार नहीं होगी। इसमें एक साथ 2000 नमाज़ी नमाज़ पढ़ सकेंगे। यहां महिला नमाज़ियों के लिए भी अलग जगह बनाई जाएगी। ये मस्जिद दुबई की इमारतों का मुकाबला करेगी। अयोध्या में इस मस्जिद का निर्माण शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार होना है। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट-इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने वर्ष 2021 में अयोध्या विकास प्राधिकरण में नक्शा जमा करे थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 09 नवंबर 2019 के फैसले में अयोध्या अधिनियम 1993 के तहत अधिग्रहित क्षेत्र में या अयोध्या में किसी भी उपयुक्त प्रमुख स्थान पर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ उपयुक्त भूमि आवंटित करने का आदेश दिया था। सर्वाेच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में अयोध्या प्रशासन ने अयोध्या शहर से लगभग 25 किमी दूर सोहावल तहसील के ग्राम धनीपुर में उक्त पांच एकड़ भूमि आवंटित की थी। अयोध्या के डिवीजनल कमिश्नर और अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष गौरव दयाल ने मस्जिद ट्रस्ट को जानकारी दी है कि बोर्ड की बैठक में अयोध्या मस्जिद की परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। कुछ विभागीय औपचारिकताओं के बाद स्वीकृत नक्शा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को सौंप दिया जाएगा। मस्जिद के परिसर में ही एक अस्पताल का भी निर्माण किया जाएगा। मस्जिद के पास एक सामुदायिक किचन और इंडो-इस्लामिक कल्चर रीसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा। धन्नीपुर गांव में ही यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ ज़मीन दी है। यह ज़मीन कृषि विभाग के 25 एकड़ वाले एक फ़ार्म हाउस का हिस्सा है जहां इस समय धान की फ़सल की रोपाई हुई है।
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