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गणेश चतुर्थी : भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर घर में लाएंगे तो होंगी मनोकामना पूर्ण

गणेश चतुर्थी : भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर घर में लाएंगे तो होंगी मनोकामना पूर्ण
सीएन, प्रयागराज।
विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव 19 सितंबर यानी आज देशभर में मनाया जा रहा है। इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और चतुर्थी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ काम को करने से पहलेउनकी पूजा की जाती है। सनातन धर्म को मानने वाले सभी लोग अपने शुभ कार्य को शुरू करने से पहले गणेश की पूजा अर्चना अवश्य करते हैं। माना जाता है की गणेश जी को शिव जी से वरदान मिला था जिसके अनुसार सभी देवी देवताओं से पहले उनकी पूजा अर्चना होती है। इसलिए गणेश की पूजा और मंत्रों के उच्चारण का विशेष महत्व है। गणेश जी को सुख समृद्धि और बुद्धि प्रदान करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। इस वर्ष भाद्रशुक्ल चतुर्थी तिथि यानी गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को है। इस दिन घर में मंगल कामना और सुख के लिए लोग अपने घरों में मंगलमूर्ति गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और नियम निष्ठा पूर्वक 10 दिनों तक इनकी पूजा करते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार गणेश जी यूं तो हर रूप में मंगलकारी और विघ्न का नाश करने वाले हैं लेकिन अपनी चाहत के अनुसार गणेश की प्रतिमा या तस्वीर घर में लाएंगे तो आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होंगी। गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर जब घर लाएं तो सबसे पहले यह ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड बाएं हाथ की ओर घूमी हुई हो। ऐसी मान्यता है कि दाएं हाथ की ओर मुड़ी हुई सूंड वाली गणेश जी प्रतिमा की पूजा से मनोकामना सिद्ध होने में देर लगती है क्योंकि इस तरह की सूंड वाले गणेश जी देर से प्रसन्न होते हैं। गणेश जी प्रतिमा में यह भी ध्यान रखें कि गणेश जी सायुज और सवाहन हों। यानी गणेश जी के हाथों में उनका एक दंत, अंकुश और मोदक होना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि घर में जहां भी गणेश जी को विराजमान कर रहे हों वहां कोई और गणेश जी की प्रतिमा न हो। अगर आमने सामने गणेश जी प्रतिमा होगी तो यह मंगलकारी होने की बजाय आपके लिए नुकसानदेय हो जाएगी।वास्तु विज्ञान के अनुसार गणेश जी को घर के ब्रह्म स्थान केंद्र में पूर्व दिशा में एवं ईशान में विराजमान करना शुभ एवं मंगलकारी होता है। इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी की सूंड उत्तर दिशा की ओर हो। गणेश जी को दक्षिण या नैऋत्य कोण में नहीं रखना चाहिए।

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार
गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र व कर्नाटका में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नौ दिनों तक पूजन किया जाता है। बड़ी संख्या में आस पास के लोग दर्शन करने पहुँचते है। नौ दिन बाद गानों और बाजों के साथ गणेश प्रतिमा को किसी तालाब, महासागर इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है। गणेशजी को लंबोदर के नाम से भी जाना जाता है ।

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