धर्मक्षेत्र
बद्रीनाथ में अब श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे वीडियो रिकॉर्डिंग, नियम तोड़ने पर भरना पांच हजार का जुर्माना
बद्रीनाथ में अब श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे वीडियो रिकॉर्डिंग, नियम तोड़ने पर भरना पांच हजार का जुर्माना
सीएन, चमोली। चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने बद्रीनाथ धाम में इस बार कई नए नियम लागू किए हैं। मंदिर परिसर में वीडियो कॉलिंग और फोटोग्राफी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यदि कोई श्रद्धालु इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी की अध्यक्षता में यात्रा को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें संबंधित अधिकारियों और यात्रा से जुड़े हितधारकों के साथ विभिन्न व्यवस्थाओं पर चर्चा कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में तय किया गया कि श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में कपड़े के जूते और मोटी जुराब पहनने के लिए प्रेरित किया जाएगा। होटल मालिकों को इन वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, साकेत तिराहे पर एक विशेष जूता स्टैंड बनाया जाएगा ताकि परिसर के आसपास गंदगी न फैले। मंदिर के पास भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रसाद की दुकानों पर भी सख्ती बरती जाएगी। बीकेटीसी के सीईओ विजय थपलियाल ने बताया कि केवल पुराने दुकानदारों को ही दुकान लगाने की अनुमति दी जाएगी और एक परिवार से केवल एक सदस्य को दुकान लगाने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा कुछ स्थानों पर दुकान लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। पाण्डुकेश्वर में पुलिस बैरिकेडिंग व्यवस्था को सरल बनाया गया है। हालांकि स्थानीय लोगों की चेकिंग नहीं की जाएगी लेकिन होटल मालिकों को अपनी बुकिंग वाली गाड़ियों के लिए अनिवार्य रूप से पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी। यदि व्यवस्था नहीं पाई गई तो चालान की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सभी होटलों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अनिवार्य कर दिए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए होटलों में 13 भाषाओं में स्वास्थ्य सलाह के क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। वहीं दर्शन को सुचारू बनाने के लिए इस बार टोकन सिस्टम लागू किया गया है। यात्रियों को समय अनुसार दर्शन के लिए प्रवेश दिया जाएगा और विभिन्न स्थानों पर टोकन चेकिंग की जाएगी।
बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को सुबह 6 बजे खुलेंगे
बसंत पंचमी के पावन पर्व पर टिहरी के नरेंद्र नगर राज दरबार में पारंपरिक विधि.विधान के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की गई। नरेंद्र नगर के राजमहल में महाराजा मनु जयेंद्र शाह की जन्म कुंडली व ग्रह नक्षत्रों की गणना के आधार पर राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने ये तिथियां निकालीं, जिसकी घोषणा महाराजा मनु जयेंद्र शाह द्वारा की गई। इस समारोह में बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, तीर्थ पुरोहित, डिमरी समाज और अन्य धार्मिक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। पंचांग गणना और धार्मिक अनुष्ठानों के बाद यह फैसला लिया गया। कपाट खुलने से पहले 22 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के लिए गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा निकल रही है। यह यात्रा परंपरागत रूप से तिलों के तेल को मंदिर में अर्पित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। बद्रीनाथ धाम में वर्षों से चली आ रही इस अनोखी परंपरा को श्रद्धालु बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं। चारधाम में केदारनाथ धाम की अहमियत भी कम नहीं है।
