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हिन्दू धर्म में जनेऊ धारण करना एक पवित्र परंपरा, आज है शुभ उपनयन मुहूर्त
हिन्दू धर्म में जनेऊ धारण करना एक पवित्र परंपरा, आज है शुभ उपनयन मुहूर्त
सीएन, हरिद्वार। उपनयन मुहूर्त जिसे जनेऊ संस्कार 2023 या यज्ञोपवीत संस्कार 2023 के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। इसमें आप हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र समारोह जनेऊ संस्कार 2023 के महत्व व जनेऊ पहनने के विभिन्न तरीकों के बारे में जानेंगे। इसके अलावा आपको उत्तर और दक्षिण भारत में धागा संस्कार या जनेऊ संस्कार कैसे किया जाता है, जैसे कई दिलचस्प विषयों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी। हिन्दू धर्म में जनेऊ धारण करना हमेशा से ही एक पवित्र परंपरा रही है। शादी से पहले उपनयन संस्कार को सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है। यह प्राचीन सनातन धर्म में वर्णित दसवां संस्कार है। सनातन धर्म में विशेष रूप से ब्राह्मण समुदाय में, उपनयन या जनेऊ संस्कार एक विशेष समारोह रहा है। इस समारोह में लड़के को एक पवित्र सफेद धागा (जनेऊ या यज्ञोपवीत) पहनाया जाता है, जो उसके जीवन में एक नए अध्याय अर्थात युवावस्था की शुरुआत का संकेत देता है। यही वजह है कि इस संस्कार को उचित अनुष्ठानों के साथ और शुभ तिथियों और मुहूर्त पर करना अनिवार्य बताया गया है। पौराणिक काल से ही ब्राह्मण और क्षत्रिय जैसी विभिन्न जातियां इस संस्कार को करती आई हैं। इसलिए उपनयन मुहूर्त 2023 देखना और भी ज़रूरी हो जाता है। उपनयन मुहूर्त 2023 इस संस्कार के अंतर्गत शादी से पहले लड़के के लिए एक सूत्रण समारोह आयोजित किया जाता है। जिसमें दूल्हे को धागे की तीन किस्में दी जाती हैं, जो कि बेहद पवित्र होती हैं। तीनों धागों में से प्रत्येक धागा तीन अलग-अलग प्रतिज्ञाओं का प्रतिनिधित्व करता है- पहला धागा अपने माता-पिता के प्रति शपथ होता है। दूसरा धागा ज्ञान और विद्या का सम्मान करने की शपथ होता है और तीसरा धागा उस समाज का सम्मान करने का संकल्प होता है, जिसमें वह रह रहा होता है। हिंदू धर्म की कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जनेऊ धारण करने से व्यक्ति में पवित्रता और आभा का विकास होता है।
उपनयन मुहूर्त 2023 : तिथियां व शुभ मुहूर्त
8 जून गुरुवार 08 जून की सुबह 05:23 से शाम 18:58 तक
19 जून सोमवार 19 जून को सुबह 11:26 से 20 जून को सुबह 01:14 तक
21 जून बुधवार 21 जून को सुबह 05:24 से शाम 15:10 तक
