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कैलास मान सरोवर यात्रा 2025 दो दिन शेष : इस बार यात्रा रूट टनकपुर से धारचूला होगा, वापसी अल्मोड़ा व चैकोड़ी से होगी
कैलास मान सरोवर यात्रा 2025: इस बार यात्रा रूट टनकपुर से धारचूला होगा, वापसी अल्मोड़ा व चैकोड़ी से होगी
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल। सबसे पवित्र व कठिन मानी जाने वाली चीन स्थित तिब्बत की कैलास मानसरोवर यात्रा पांच साल बाद 30 जून से फिर शुरू होगी। यात्रा में इस बार सिर्फ 250 यात्री ही जा पायेंगे। मानसरोवर हर वर्ष 30 जून से होने वाली सबसे लम्बी दूरी की धार्मिक कैलास मानसरोवर यात्रा की तैयारी दिल्ली व नैनीताल में तेज हो गई है। मालूम हो कि कोरोना काल में यह यात्रा बंद कर दी गई थी। बीते दिनों दिल्ली में चीनी व भारतीय अधिकारियों की बैठक में इस बार 30 जून से यात्रा प्रारंभ करने की सहमति बनी। इससे पूर्व कुमाऊं के लिपूलेख दर्रे के लिए 1080 व सिक्किम के नाथुला दर्रे से 400 यात्रियों को कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए भेजे जाते थे लेकिन इस बार केवल 250 यात्रियों को भेजे जाने की सहमति बनी है। इस बार यात्रा रूट टनकपुर से धारचूला होगा। वापसी अल्मोड़ा व चैकोड़ी से होगी। पूर्व में यात्रा का रूट काठगोदा.अल्मोड़ा.धारचूला था जो अब खत्म कर दिया गया है। 2019 में कुल 12646 यात्रियों को यात्रा पर भेजा गया था। इन यात्रियों का यात्रा से पूर्व दिल्ली में स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा। इधर यात्रा का संचालन करने वाले कुमाऊं मंडल विकास निगम ने यात्रा पूर्व मार्ग व पड़ावों की व्यवस्थाओं को देखने के लिए भेजा गया पांच सदस्यीय रैकी दल वापस आ गया है। निगम के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस रैकी दल में इंजीनियरों के अलावा तकनीकी कर्मचारी भी शामिल थेे। रैकी दल की संस्तुति के अनुसार इस बार यात्रा पड़ावों में यात्रियों को अधिक सुविधा देने के लिए कार्रवाई की जा रही है। इस बार यात्रा का संचालन उत्तराखण्ड सरकार और विदेश मंत्रालय के सहयोग से किया जाएगा। यात्रा पिथौरागढ़ जनपद के लिपुलेख पास से होकर चीन में प्रवेश करेगी और कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा इसका संचालन किया जाएगा। यात्रा कार्यक्रम व चरणबद्ध दल प्रणाली यात्रा 30 जून 2025 से शुरू होगी। कुल 5 दल, प्रत्येक में 50 यात्री, यानी कुल 250 यात्रियों की यात्रा प्रस्तावित है। पहला दल 10 जुलाई को चीन में प्रवेश करेगा, जबकि अंतिम दल 22 अगस्त 2025 को वापसी करेगा। इस बार यात्रा मार्ग प्रस्थान दिल्ली संे होगा, टनकपुर 1 रात्रि विश्राम किया जायेगा। उसके बाद धारचूला में रात्रि विश्राम होगा। गुंजी पड़ाव में 2 रात्रि विश्राम होगा। यहां यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेगा अनफिट होने वाले यात्रियों को वापस भेज दिया जायेगा। इसें बाद नाभीढांग में 2 रात्रि पिवश्राम होगा। इसके बाद तकलाकोट चीन शासित तिब्बत में प्रवेश करेंगे। तिब्बत स्थित कैलास मानसरोवर की परिक्रमा कर यात्री वापसी मार्ग बूंदी, चौकोड़ी, अल्मोड़ा से अंतिम वापसी दिल्ली को करेंगे। कुल यात्रा अवधि 22 दिन की निर्धारित की गई है। आईटीबीपी के सहयोग से यात्रियों का दो बार स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। पहली बार दिल्ली में, दूसरी बार गुंजी पिथौरागढ़ में किया जायेगा। प्रधानमंत्री मोदी की आदि कैलाश यात्रा और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास ने इस यात्रा को दोबारा शुरू कराने की राह आसान की है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि भारत और चीन के बीच एक कूटनीतिक संतुलन भी दर्शाता है
