धर्मक्षेत्र
नवरात्रि में मां दुर्गा को चढ़ाएं प्रिय फूल, माता प्रसन्न होकर भर देंगी झोली
नवरात्रि में मां दुर्गा को चढ़ाएं प्रिय फूल, माता प्रसन्न होकर भर देंगी झोली
सीएन, हरिद्वार। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि.विधान से पूजा अर्चना की जाती है। शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक अश्विन माह में नवरात्रि होते हैं। नवरात्रि में 9 दिन अलग.अलग देवियों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है। शारदीय नवरात्रि का त्योहार 12 अक्टूबर शनिवार को समाप्त होगा। नवरात्रि में 9 दिन अलग-अलग देवियों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता को अलग-अलग दिन विशेष फूल चढ़ाने से विशेष कृपा मिलती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पूजा पाठ में देवी देवताओं को गेंदा का फूल चढ़ाया जाता है। लेकिन नवरात्रि में मां दुर्गा को गेंदा का फूल अर्पित करने का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि मां दुर्गा को गेंदा का फूल चढ़ाने से नकारात्मकता दूर होती है और घर में खुशहाली आती है। माता रानी को गुलाब का फूल प्रिय माना जाता है। इसे आप 9 दिन में किसी भी दिन अर्पित कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख.समृद्धि और सकारात्मकता आती है। सामान्य दिनों में भी मां को गुलाब चढ़ाना शुभ माना जाता है। नवरात्रि में गुड़हल का फूल चढ़ाने से माता रानी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। मान्यता है कि गुड़हल के फूल में मां दुर्गा का वास होता है। इसलिए इसे चढ़ाने से मां की विशेष कृपा बरसती है। साथ ही घर में सकारात्मकता आती है। मान्यता है कि कमल के फूल में मां लक्ष्मी का वास होता है। इसे माता रानी का अति प्रिय फूल माना जाता है। कमल का फूल माता रानी को चढ़ाने से सभी कामों में सफलता मिलती है। नवरात्रि में हरसिंगार का फूल मां दुर्गा को चढ़ाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से तनाव से मुक्ति मिलती और घर में खुशहाली आती है। नवरात्रि में आप तुलसी के पत्ते और धतूरे को भी माता रानी को अर्पित कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर से नकारात्मकता दूर होती है और खुशहाली आती है।