धर्मक्षेत्र
पति-पत्नी के रिश्ते में आई खटास को दूर करता है दो मुखी रुद्राक्ष, धारण करने के नियम
पति-पत्नी के रिश्ते में आई खटास को दूर करता है दो मुखी रुद्राक्ष, धारण करने के नियम
सीएन, हरिद्वार। दो मुखी रुद्राक्ष को अर्धनारीश्वर का स्वरुप कहा गया है। इस रुद्राक्ष में साक्षात शिव.भगवान तथा देवी पार्वती का वास होता है। इसे देवेश्वर भी कहा जाता है। इस रुद्राक्ष को मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए धारण किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष शिव का वरदान है, हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पूजनीय माना गया है। रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन में आ रही कई समस्याएं नष्ट होती हैं और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। रुद्राक्ष को भगवान शिव का ही स्वरूप माना गया है। कहते हैं कि रुद्राक्ष भोलेनाथ के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है और इसमें कई शक्तियां विलीन हैं। रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है। यदि पति व पत्नी के रिश्ते में दूरी आ गई है तो नियमानुसार रुद्राक्ष धारण करने से दूरियां कम होती हैं और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है। धर्म शास्त्रों में रुद्राक्ष को बहुत ही फलदायी माना गया है। रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं और प्रत्येक का अपना एक खास महत्व होता है। पति पत्नी के जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना गया है। इसे धारण करने से भगवान शिव व माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पति पत्नी का रिश्ता ऐसा होता है, जिसमें कभी प्यार तो कभी तकरार होती है। लेकिन यही तकरार अगर बढ़ जाए तो दांपत्य जीवन दुखदायी हो जाता है। इसलिए बेहतर है कि रिश्ते में आ रही अनबन को दूर करने का प्रयास करें और इसका एक उपाय दो मुखी रुद्राक्ष भी है। इसे धारण करने से रिश्ते में मधुरता आती है। दो मुखी रुद्राक्ष को अर्धनारीश्वर का स्वरूप माना गया है और इसे धारण करने वाले को गौ हत्या जैसे जघन्य पाप से भी मुक्ति मिलती है। दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से घर में क्लेश का वास नहीं होता और सुख समृद्धि के द्वार खुलते हैं। इसे धारण करने से बुद्धि जाग्रत होती है और व्यापार में सफलता मिलती है। बता दें कि दो मुखी रुद्राक्ष में दो धारी होती हैं। इसे खरीदते समय इसमें दो धारियां जरूर देखें। कहते हैं कि सबसे अच्छा रुद्राक्ष नेपाल में मिलता है। लेकिन दो मुखी रुद्राक्ष हरिद्वार या रामेश्वरम से भी खरीदा जा सकता है। दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि यह रुद्राक्ष पति पत्नी को जोड़े से धारण करना चाहिए। इसे सोने की चैन या लाल रंग के धागे में डालकर गले में धारण किया जाता है। धारण करने से पहले सोमवार के दिन रुद्राक्ष को कच्चा दूध व गंगाजल से शुद्ध करें और फिर धूप दिखाएं। इसके बाद शिव स्रोत का पाठ करें और पांच बार ओम नम शिवाय का जाप करने के बाद रुद्राक्ष धारण करें।
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