धर्मक्षेत्र
केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान के साथ खुले, मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया
केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान के साथ खुले, मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया
सीएन, रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रा शुरू होने के तीसरे दिन यानी 2 मई 2025 शुक्रवार को केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। भगवान शिव को समर्पित बाहर ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तराखंड में स्थित बेहद महत्वपूर्ण चारधाम में से एक हैं। चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। यह सिर्फ 45 दिनों तक जारी रहेगी। अक्षय तृतीया के पावन पर्व के शुभ मुहूर्त पर चारधाम यात्रा की शुरुआत की गई है। कपाट खुलने की प्रक्रिया में सभी पारंपरिक अनुष्ठान और मुहूर्त देखे जाते हैं। इसी के बाद मंदिर के कपाट खोले जाते हैं। आज 2 मई प्रात सात बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुले। केदारनाथ धाम के कपाट आज विधि-विधान के साथ खोल दिए गए। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सपरिवार मौजूद रहे। केदारनाथ में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। केदारनाथ धाम के कपाट आज 2 मई को सुबह 7 बजे खुल गए। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 1 मई की शाम को केदारनाथ धाम पहुंच गई थी। मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाट खुलने के अवसर पर हजारों भक्त धाम पहुंच चुके थे। गुरुवार की सुबह गौरीकुंड में भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली की विशेष पूजा की गई। इसके बाद श्रृंगार करके आरती उतारी गई। हजारों भक्तों के जयकारों के बीच डोली केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई। रास्ते में भक्तों ने डोली का स्वागत किया। शाम करीब 4 बजे बाबा केदार की डोली केदारनाथ पहुंची और मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद डोली को मंदिर के भंडार गृह में रखा गया।कपाट खुलने के अवसर पर केदारनाथ मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। अब कपाट खुलने के बाद भक्त बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे। कपाट खुलने के साक्षी बनने के लिए लगभग 15 हजार से ज्यादा भक्त केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं।कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह पांच बजे से शुरू हुई। जिसके लिए सुबह चार बजे से श्री बदरीनाथ.केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी मंदिर परिसर में तैनात हो गये थे। केदारनाथ मंदिर को सजाने में एक या दो नहीं बल्कि 150 से भी ज्यादा स्वयंसेवकों ने दिन रात की मेहनत की है। इस टीम का नेतृत्व कर रहे गुजरात के वडोदरा निवासी सृजन व्यास के अनुसार मंदिर को 54 तरह के अलग अलग फूलों से मंदिर को सजाया गया है। इसमें गुलाब से लेकर गेंदा समेत अन्य तरह के फूल इस्तेमाल किये गये हैं। उन्होंने बताया कि ये फूल दिल्ली एनसीआर और कश्मीर समेत अलग अलग देशों से मंगाये गये हैं। इनमें नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका के फूल भी शामिल हैं। व्यास ने बताया कि गेंदे के फूल विशेष रूप से कोलकाता के एक खास गांव से लाए जाते हैं, क्योंकि स्थानीय किस्म के विपरीत ये जल्दी मुरझाते नहीं हैं। इसके साथ मंदिर को सजाने के लिए 150 से भी ज्यादा स्वयंसेवकों ने दिन रात एक कर दिये। मंदिर के गर्भगृह के द्वार की पूजा-अर्चना की।सभी देवी.देवताओं का आह्वान कर जन कल्याण की कामना तथा संकल्प के साथ ही ठीक सात बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिये गये। इसी समय मंदिर का मुख्य दक्षिण द्वार भी खोला गया।
