धर्मक्षेत्र
ईस्टर का पर्व आज 20 अप्रैल रविवार को मनाया जाएगा: ईस्टर अंडे दिए और लिए जाते हैं
ईस्टर का पर्व आज 20 अप्रैल रविवार को मनाया जाएगा: ईस्टर अंडे दिए और लिए जाते हैं
सीएन, नैनीताल। इस बार ईस्टर का पर्व 20 अप्रैल दिन रविवार को है। इस दिन को ईस्टर संडे भी कहते हैं। ईसाई समुदाय के लोग अप्रैल में पवित्र सप्ताह मनाते हैं। इसके अंतर्गत पाम संडे, गुड फ्राइडे, होली सैटरडे और ईस्टर संडे का पर्व मनाया जाता है। ये सभी त्योहार प्रभु यीशु से संबंधित हैं। ईस्टर संडे का पर्व इस बार 20 अप्रैल, रविवार को मनाया जाएगा। इसके पहले 18 अप्रैल, शुक्रवार को गुड फ्राइडे और 19 अप्रैल, शनिवार को होली सैटरडे पर्व मनाया जाएगा। ईस्टर संडे का पर्व प्रभु यीशु के दोबारा जीवित होने की खुशी में मनाया जाता है। दुनिया के सभी देशों में जहां ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं, वहां ये त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर का पर्व मनाया जाता है। यह फेस्टिवल ईसाई समाज के लोगों के लिए खुशियां मनाने का पर्व है, क्योंकि इस दिन ईसा मसीह अपनी मृत्यु के तीसरे दिन दोबारा से जीवित हो उठे थे। ईस्टर सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आशा, पुनर्जन्म और विश्वास की जीत का प्रतीक है। इस बार ईस्टर का पर्व 20 अप्रैल दिन रविवार को है। इस दिन को ईस्टर संडे भी कहते हैं। गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईस्टर का पर्व मनाया जाता है। यह फेस्टिवल ईसाई समाज के लोगों के लिए खुशियां मनाने का पर्व है, क्योंकि इस दिन ईसा मसीह अपनी मृत्यु के तीसरे दिन दोबारा से जीवित हो उठे थे। इसे ईसा मसीह का चमत्कार माना जाता है। गुड फ्राइडे वाले ही दिन ईसा मसीह को सूली पर लटका दिया गया था। जिसके तीसरे दिन फिर से जीवित हो गए थे। उस दिन रविवार था। तभी से हर साल यह त्योहार मनाया जाता है। हॉली सप्ताह, ईस्टर से एक हफ्ते पहले शुरू होता है और इसमें यीशु मसीह के अंतिम दिनों की घटनाएं शामिल होती हैं। यह सप्ताह पाम संडे से शुरू होता है और ईस्टर संडे पर समाप्त होता है। ईस्टर ईसाई धर्म का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह अंधकार से प्रकाश, मृत्यु से जीवन और हार से जीत का प्रतीक है। मान्यता है कि यीशु मसीह ने मानवता के पापों के लिए अपने प्राण दिए और फिर तीसरे दिन पुनर्जीवित होकर अमरत्व का संदेश दिया।
क्या करते हैं ईस्टर संडे पर
ईस्टर संडे के दिन बड़ी संख्या में लोग चर्च में इकट्ठा होते हैं और प्रार्थना में भाग लेते हैं। चर्चों को विशेष रूप से सजाया जाता है। विशेष प्रार्थना के बाद लोग एक.दूसरे को बधाई देते हैं और प्रभु यीशु के उपदेशों को याद करते हैं। ईस्टर पर सजी हुई मोमबत्तियां अपने घरों में जलाना बहुत शुभ माना जाता है। कुल मिलाकर इस दिन लोग प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने की खुशियां मनाते हैं। ईस्टर अंडे दिए और लिए जाते हैं, जो पुनर्जन्म और नई शुरुआत का प्रतीक है। लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और विशेष भोजन तैयार किया जाता है।
