धर्मक्षेत्र
ओडिशा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार फिर से खोला गया, हीरे, सोने और चांदी से भरा है रत्न भंडार
ओडिशा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार फिर से खोला गया, हीरे, सोने और चांदी से भरा है रत्न भंडार
सीएन, पुरी। ओडिशा के पुरी स्थित 12 वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के प्रतिष्ठित खजाने रत्न भंडार यानी कोषागार को उसके कीमती सामान को एक अस्थायी स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित करने के लिए गुरुवार को दोबारा खोला गया। अधिकारियों ने बताया कि रत्न भंडार को सुबह नौ बजकर 51 मिनट पर दोबारा खोला गया। यह एक हफ्ते में दूसरी बार है जब कोषागार को खोला गया है। भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की पूजा.अर्चना करने के बाद रत्न भंडार से कीमती सामान को दूसरी जगह रखने के लिए ओडिशा सरकार द्वारा गठित पर्यवेक्षण समिति के सदस्यों ने सुबह करीब नौ बजे मंदिर में प्रवेश किया। मंदिर में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए पर्यवेक्षण समिति के अध्यक्ष एवं उड़ीसा हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा हमने भगवान जगन्नाथ से कोषागार के आंतरिक कक्ष में रखे सभी कीमती सामान को स्थानांतरित करने के लिए आशीर्वाद मांगा। इससे पहले 46 साल बाद 14 जुलाई को रत्न भंडार खोला गया था। उस दिन कोषागार के बाहरी कक्ष से आभूषण और कीमती सामान को स्ट्रांग रूम में स्थानाांतरित किया गया था। न्यायमूर्ति रथ ने पुरी के राजा एवं गजपति महाराजा दिव्य सिंह देव से भी अनुरोध किया कि वे रत्न भंडार में उपस्थित रहें और वहां से कीमती सामान को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया की निगरानी करें। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा केवल अधिकृत लोगों को पारंपरिक पोशाक के साथ कोषागार में प्रवेश करने की अनुमति है। यदि कीमती सामानों को स्थानांतरित करने का काम आज पूरा नहीं होता है तो मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार यह आगे जारी रहेगा। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जा रही है। एक अधिकारी ने कहा कीमती सामान को स्थानांतरित करने के दौरान केवल अधिकृत लोगों और कुछ सेवकों को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई है।
हीरे, सोने और चांदी से भरा रत्न भंडार
ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर के तहखाने को खोल दिया गया है। इस रत्न भंडार में कई बेशकीमती रत्न मिले हैं। भगवान जगन्नाथ मंदिर के इस खजाने में 128 किलो से भी ज्यादा सोना और 221 किलो चांदी के अलावा कई रत्न भी शामिल हैं। कई पौराणिक कहानियों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के कीमती आभूषण रखे हुए हैं, जिन्हें कई राजा-महाराजों ने दान में दिए थे। जगन्नाथ मंदिर के इस रत्न भंडार से कई अद्भुत रहस्य जुड़े हुए हैं। रत्न भंडार में उस सोने को भी रखा गया है जिसे भगवान अनंगभीम देव ने दान किया था। कई इतिहासकारों और अध्यात्मिक गुरुओं का मानना है कि राजा अनंगभीम देव ने भगवान जगन्नाथ बलभद्र और देवी सुभद्रा के लिए कीमती आभूषण बनवाने के लिए कई किलो सोना दिया था। जिसी कीमत आज के समय के अनुसार करोड़ों रुपए बताई जाती है। जगन्नाथ पुरी मंदिर के रत्न भंडार में जगन्नाथ भगवान के बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के बेशकीमती गहने रखे हुए हैं। 1805 में पब्लिश चार्ल्स ग्रोम्स की रिपोर्ट के अनुसार जगन्नाथ पुरी के रत्न भंडार में 64 तरह के सोने और चांदी के भारी.भरकम आभूषण रखे गए हैं। ये आभूषण शुद्ध सोने के बनाए गए हैं। जबकि इन गहनों के अलावा जगन्नाथ पुरी मंदिर के रत्न भंडार में 64 सोने और चादी के सिक्के भी रखे हैं। वहीं 24 तरह की सोने की मुहरए 1297 चांदी के सिक्केए 106 तांबे के सिक्के और 1333 तरह के कीमती कपड़े भी रखे हुए हैं।