Connect with us

धर्मक्षेत्र

नारसिंही देवी मंदिर अल्मोड़ा के गल्ली बस्यूरा में बसा है देवी का खास मंदिर

नारसिंही देवी मंदिर अल्मोड़ा के गल्ली बस्यूरा में बसा है देवी का खास मंदिर
सीएन, अल्मोड़ा।
उत्तराखंड अल्मोड़ा जिले के गोविंदपुर क्षेत्रए गल्ली बस्यूरा नामक गावं में स्थित है माँ नारसिंही देवी का ऐतिहासिक मंदिर। अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से लगभग २८.३० किलोमीटर दूर एअल्मोड़ा .द्वाराहाट मोटरमार्ग के पास स्थित माँ नारसिंही देवी का यह मंदिर अपनी पहचान लिए तरस रहा है। कुमाऊँ के प्रसिद्ध इतिहासकार श्री बद्रीदत्त पांडेय ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक कुमाऊँ का इतिहास में इसके बारे में बताया है कि अल्मोड़ा का यह प्रसिद्ध देवी मंदिर चंदवंशीय राजा देवीचंद ने बनवाया था। मंदिर की बनावट और शैली देख कर ही लगता कि यह मंदिर काफी प्राचीन एवं ऐतिहासिक है। यहाँ एक बड़ा मंदिर है और बहार प्रांगण में छोटे मंदिर बने हैं। एक प्राचीन ऐतिहासिक और उत्तराखंड में नारसिंही देवी का एकमात्र होने के बाद भी यह मंदिर उपेक्षा का शिकार है मतलब इस मंदिर को उतनी पहचान नहीं पायी जितनी इसके समकालीन मंदिरों को मिली है। हालाँकि स्थानीय लोग पूजा पाठ कथा पुराण आदि इस मंदिर में समय समय पर आयोजित करते रहते हैं। और स्थानीय लोग माँ नारसिंही देवी के दर्शनार्थ आते रहते हैं। गोलुछीना की घाटी में गल्ली बस्यूरा की तलहटी में बसा माता का यह मंदिर जिसके दोनों तरफ छोटी नदियां बहती हैं। ये परिस्थितियाँ यहाँ एक अतुलनीय रमणीक वातावरण का निर्माण करती हैं। यह मंदिर एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल के साथ एएक सूंदर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकता है। इसके लिए क्षेत्र की जनता और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मिलकर कोशिश करनी पड़ेगी। इसका लाभ क्षेत्र की सभी जनता को मिलेगा। नारसिंही  देवी  का एक नाम प्रत्यंगिरा देवी है। इन्हे निकुंबला देवी के नाम से भी जाना जाता है। दशानन रावण की कुलदेवी भी प्रत्यंगिरा देवी थी। इनका सर शेर का तथा बाकि शरीर नारी का है।  प्रत्यंगिरा देवी शक्ति स्वरूपा  देवी हैं। यह देवी विष्णु, शिव, दुर्गा का एकीकृत रूप है। यह कहानी उस समय की जब भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा और लोगो को हिणाकश्यप  के अत्याचार से मुक्ति देने के लिए नरसिंह  का अवतार धरा। हरि का यह अवतार अत्यंत रौद्र और क्रोधी था। हिरण्यकश्यप के वध के उपरांत भी नरसिंघ का क्रोध शांत नहीं हुवा। वे अत्यंत रौद्र रूप में  आ गए।  विनाश की आशंका से डर कर सभी देवगण भगवान भोलेनाथ के पास गए। उन्होंने वहां भगवान शिव से प्रार्थना की वे भगवान नरसिंघ का क्रोध शांत करे। तब भोलेनाथ ने  शरभ का रूप धारण किया जो आधा पक्षी और आधा सिंह था। तब भगवान शिव का अवतार शरभ और विष्णु अवतार नरसिंह के बीच महायुद्ध शुरू हो गया। दोनों काफी समय तक बिना निर्णय  के लड़ते जा रहे थे। भगवान् शिव और भगवान् विष्णु की शक्तियों का महायुद्ध धीरे धीरे इतना उग्र हो गया था कि सृष्टि पर प्रलय का संकट मंडराने लगा था। और इन दोनों महाशक्तियों को रोकना असम्भव लग रहा था। तब देवताओं ने आदिशक्ति, महाशक्ति योगमाया दुर्गा का आवाहन किया। क्योकि  इन दो शक्तियों को रोकने की क्षमता महाशक्ति दुर्गा के पास थी। महाशक्ति ने आधा सिंह और आधा मानव रूप लेकर अवतार धारण किया और अत्यंत तीव्र वेग और तीव्र हुंकार के साथ उनके बीच में प्रकट हुई कि दोनों स्तब्ध हो गए और उनके बीच का युद्ध समाप्त हो गया। देवी ने दोनों के क्रोध आवेश और रौद्रता को अपने आप में शामिल करके दोनों को शांत कर दिया। इस प्रकार नरसिंघ को शांत करने वाली नारसिंही देवी के नाम से जगविख्यात हुई। प्रत्यंगिरा देवी भगवान शिव और विष्णु की संयुक्त विनाशकारी शक्ति को अपने अंदर धारण करती है। प्रत्यंगिरा देवी को अघोर लक्ष्मी, सिद्ध लक्ष्मी, पूर्ण चंडी और अथ्वर्ण भद्रकाली के नाम से बह पुकारा जाता है। यहां बाज के घने जंगलों में सिद्धेश्वर रूप में बसते हैं, महादेव। जिन्हें लोग प्यार से सितेसर महादेव कहकर बुलाते हैं।

More in धर्मक्षेत्र

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING