उत्तर प्रदेश
आज कालाष्टमी व्रत रख काल भैरव की पूजा करने से दरिद्रता और परेशानी दूर
आज कालाष्टमी व्रत रख काल भैरव की पूजा करने से दरिद्रता और परेशानी दूर
सीएन, प्रयागराज। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। इस दिन बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है। इस माह में कालाष्टमी व्रत 13 अप्रैल 2023 को है। कालाष्टमी के दिन भगवान शिव का विग्रह रूप माने जाने वाले काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व होता है। बाबा काल भैरव को शिव का पांचवा अवतार माना गया है। कालाष्टमी के दिन व्रत रखा जाता है और काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव की पूजा की जाती है। कालाष्टमी के दिन व्रत रख कर विधि-विधान से पूजा करने से जीवन से दुख, दरिद्रता और परेशानी दूर हो जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस बार यह तिथि 13 अप्रैल को सुबह 3 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी जो 14 अप्रैल को 1 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काल भैरव का पूजन निशिता मुहूर्त में किया जाता है और अष्टमी तिथि में निशिता मुहूर्त 13 अप्रैल को है. इसलिए इस बार 13 अप्रैल को कालाष्टमी व्रत रखा जाएगा. कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म और स्नान आदि करने के बाद भगवान भैरव की पूजा-अर्चना करें। इस दिन भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पूजा के दौरान घर के मंदिर में दीपक जलाएं, आरती करें और भैरव बाबा को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है। कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से सभी तरह के भय से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही बाबा काल भैरव की कृपा से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।