Connect with us

धर्मक्षेत्र

आज 19 अगस्त को सावन महीने की हरियाली तीज, क्या है कथा और पूजा विधि

आज 19 अगस्त को सावन महीने की हरियाली तीज, क्या है कथा और पूजा विधि
सीएन, नैनीताल।
हरियाली तीज त्योहार हमारे हिन्दू धर्म में सबसे विशेष त्योहार माना जाता हैं। यह त्योहार सावन मास में मनाया जाता हैं और सावन के महीने में शिव जी की पूजा भी की जाती है। सुहागन महिलाओं के अखंड सौभाग्‍य का पर्व हरियाली तीज आज यानी 19 अगस्त को है। सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती  की पूजा की जाती है। पति की अच्‍छी सेहत, सफलता, लंबी उम्र के लिए महिलाएं ये व्रत रखती है। इस बार हरियाली तीज पर कई शुभ योग बन रहे हैं। वहीं, उत्तर भारत के तमाम क्षेत्रों में इस दिन मेला भी लगता है। शादीशुदा महिलाएं इस दिन साज-श्रृंगार करती हैं। सिर्फ सुहागिन महिलाएं ही नहीं, बल्कि कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को रखती है.  ताकि उन्हें अच्छा पति मिले।
ये है शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज शनिवार 19 अगस्त की रात 1.47 मिनट पर शुरू होगा और खत्म अगले दिन रविवार को 20 अगस्त सुबह 5.53 मिनट पर होगा।
मान्यता अनुसार, हरियाली तीज के दिन महिलाओं को काले या सफेद रंग की साड़ी नहीं पहननी चाहिए। इसके साथ ही हो सके तो हरे रंग की साड़ी, चूड़िया और मेहंदी लगाना चाहिए। वहीं, इस दिन सूर्योदय से लेकर 20 अगस्त को सूर्योदय तक पूरे साफ मन से व्रत रखना चाहिए। इसके साथ ही हरियाली तीज के दिन मां पार्वती की पूजा करते समय सुहाग का सामान रखना बिल्कुल भी ना भूलें। हरियाली तीज वाले दिन किसी के साथ लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। आपको घर में प्रेम पूर्वक रहना चाहिए। हरियाली तीज व्रत के दिन अगर कोई कुछ खाने को मांगे तो आपको जरूर दान करना चाहिए।
हरयाली तीज की पूजा विधि
इस दिन महिलाओं को सुबह उठकर सबसे पहले नहाना लेना चाहिए। फिर शुभ मुहूर्त के समय हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करना चाहिए. इसके बाद माता पार्वती, शिव जी के साथ उनके पुत्र गणेश जी की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए।
हरियाली तीज कथा
हरियाली तीज की व्रत कथा एक पौराणिक कथाओं में से एक है। इस कथा में ऐसा बताया गया है कि माता पार्वती जी इस दिन सैकड़ों वर्षो की साधनाएं तप के बाद भगवान शिवजी से मिली थी और यह भी कहा जाता है कि भगवान शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए पार्वती जी ने 107 बार जन्म लिया था और फिर भी उसका बाद माता पार्वती जी को पति के रूप में शिवजी प्राप्त नहीं हुए था। फिर जब 108 जन्म पार्वती जी हुआ था और फिर उनका जन्म हिमालय राज जी के घर पार्वतीजी ने पुनर्जन्म लिया था। उन्हे बचपन से ही शिव जी को पति के रूप में पाने की कामना की थीं। काफी समय बीत जाने के बाद एक दिन नारद मुनी राजा हिमालय जीं से मिलने गए। नारद मुनी ने राजा हिमालय जी को माता पार्वती जी की शादी के लिये विष्णु जी का नाम सुझाया। नारद मुनी ने राजा हिमालय जी को माता पार्वती जी की शादी के लिये विष्णु जी का नाम सुझाया। राजा हिमालय जी को बात बहुत ही अच्छी लगी। राजा हिमालय जी ने भगवान विष्णु जी को दामाद के रूप में स्वीकराने की सहमती दे दी। बात जब माता पार्वती को पता चली की उनकी शादी विष्णुजी से तय कर दिया गया है तो वह बहुत दुखी हुई और फिर वह शिवजी को पाने के लिये एकांत जंगल में चली गई, फिर वह उन्होने रेत से एक शिवलिंग बना दिया और फिर शिव जी की आराधना या तप करने लगी, जिससे फिर शिव जी बहुत खुश हो गए और माता पार्वती जी की मनोकामना पूरी कर दी। जब पर्वत राज हिमालय जी को पार्वती जी के दिल की पता चली तो फिर उन्होने शिव जी और माता पार्वती जी शादी के लिये तैयार हो गए। जभी से शिवजी माता पार्वती जी को पति के रूप में मिल सके तभी से तीज का व्रत शुरू हो गया। तभी से तीज वाले शादी शुदा महिलाएं व्रत रखती हैं और उनके पति की लम्बी उम्र की परतना करती है और साथ ही माता पार्वती जी के कहने पर शिव जी ने यह आशीर्वाद दिया था कि जो कुंवारी कन्या तीज का व्रत रखेगी, उसका शादी में आने वाली सारी मुश्किल दूर हो जाएगी और साथ में उसे अच्छा पति प्रताप होगा। शादीशुदा महिलाओं को इस व्रत से सौभाग्य की प्राप्ति होगी और साथ ही उनके पति का साथ उनका विवाहित जीवन का सुख ले सकेंगी। इसीलिए इस व्रत को कुंवारी और सुहागन दोनों ही रखती हैं। इसलिए ये तीज का त्यौहार मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद नाथ वशिष्ठ

More in धर्मक्षेत्र

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING