धर्मक्षेत्र
आज 21 जुलाई को है गुरु पूजा का महापर्व गुरु पूर्णिमा : देव गुरु बृहस्पति की भी करें पूजा
आज 21 जुलाई को है गुरु पूजा का महापर्व गुरु पूर्णिमा: देव गुरु बृहस्पति की भी करें पूजा
सीएन, हरिद्वार। आषाढ़ मास की पूर्णिमा रविवार, 21 जुलाई को है। इस तिथि पर गुरु पूजा का महापर्व गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। आम इंसान ही नहीं भगवान ने भी गुरु से ज्ञान प्राप्त किया है। गुरु पूर्णिमा महर्षि वेदव्यास की जन्म तिथि है। वेदव्यास ने वेदों का संपादन किया। 18 मुख्य पुराणों के साथ ही महाभारत श्रीमद् भागवत कथा जैसे ग्रंथों की रचना की थी। श्रीराम ने ऋषि वशिष्ठ और विश्वामित्र से ज्ञान प्राप्त किया, श्रीकृष्ण के गुरु सांदीपनि थे। हनुमान जी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया था। भगवान दत्तात्रेय ने 24 गुरु बनाए थे। इसलिए गुरु का स्थान सबसे ऊंचा माना गया है। गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु की पूजा करें, अपने सामर्थ्य के अनुसार कोई उपहार दें और उनकी शिक्षाओं पर चलने का संकल्प लें। तभी जीवन में सुख.शांति के साथ ही सफलता भी मिल सकती है। गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिलता है और शास्त्र कहते हैं कि जिन लोगों का कोई गुरु नहीं है, उसे तो मोक्ष भी नहीं मिल पाता है। गुरु के बिना सुख.शांति और सफलता नहीं मिलती है, हम जीवन जीने की कला नहीं सीख सकते हैं। गुरु पूर्णिमा पर ही आषाढ़ पूर्णिमा का स्नान और दान किया जाएगा। 21 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह स्नान कर सकते हैं। अपने सामर्थ्य के अनुसार चंद्रमा से जुड़ी चीजों का दान करें। गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह में स्नान और पूजा के बाद अपने गुरु के पास जाकर उनको घर पर आमंत्रित करें। उनका आदर.सत्कार करें और पैर छूकर आशीर्वाद लें। फिर उन्हें भोजन कराएं और उपहार दें। उनको संतुष्ट करके विदा करेंण् गुरु पूर्णिमा के दिन यह करने से आपको हर क्षेत्र में उन्नति मिलता है, क्योंकि गुरु की सेवा करने से कुंडली का गुरु दोष दूर होता है। कहा जाता है कि गुरु की कृपा के बिना ज्ञान और मोक्ष दोनों ही प्राप्त नहीं हो सकता है। गुरु पूर्णिमा के दिन किसी गरीब ब्राह्मण को पीले कपड़े, हल्दी, पीतल के बर्तन, गुड़, घी, पीले चावल आदि का दान करें। इस दिन देव गुरु बृहस्पति की भी पूजा करने से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। घी का दीपक जलाकर आरती करें और सच्चे मन से गुरु चालीसा और गुरु कवच का पाठ करें। गुरु पूर्णिमा के दिन आप फलए मिठाई, खीर आदि चीजों का भोग लगा सकते हैं। इसके बाद आप अपनी बुद्धि और विद्या के विकास के लिए अपनी पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाली कॉपी किताब की पूजा करें और इस दिन गरीबों को अन्न, धन, वस्त्र या पढ़ाई से संबंधित चीजें देना बहुत शुभ माना जाता है।
गुरु पूर्णिमा पर करें इस मंत्र का जाप
गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का आशीर्वाद पाने के लिए आप उनके चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लें, इसके बाद 108 तुलसी या रुद्राक्ष की माला पर गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः, गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः मंत्र का जाप करें।