धर्मक्षेत्र
आज 22 अप्रैल को है अक्षय तृतीया : इस बार नहीं बजेगी शहनाई
आज 22 अप्रैल को है अक्षय तृतीया : इस बार नहीं बजेगी शहनाई
सीएन, नैनीताल। इस साल अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 शनिवार को है। इसे आखा तीज के नाम से भी जानते हैं। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया का मांगलिक कार्य के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन नए कार्य की शुरुआत करने से उसमें सफलता मिलती है। ये दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। हर साल वैशाख माह की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पावन दिन 22 अप्रैल को है। इस दिन से बहुत सारी मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि इस दिन जो भी काम किया जाता है उसका क्षय नहीं होता है, इसी कारण लोग इस दिन शुभ काम करते हैं। लोग इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोना खरीदते हैं। आपको बता दें कि अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होता है। यह दिन शादी के लिए जितना अच्छा है, उतना ही शादी में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए अच्छा होता है। इसलिए लोग विशेष तौर पर इस दिन को शादी के लिए चुनते हैं। यही नहीं किसी की शादी नहीं हो पा रही है, या फिर उसका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं चल रहा तो वो भी इस दिन विशेष पूजा-पाठ करके लाइफ की परेशानियों से निजात पाया जा सकता है लेकिन इस बार इस पावन दिन पर शादी नहीं हो पाएगी, जिससे लोगों को थोड़ी निराशा होगी। दरअसल कोई भी शुभ काम गुरु के उदय होने पर ही संभव होते हैं लेकिन इस बार 27 अप्रैल तक गुरु अस्त हैं, ऐसे में इस साल अक्षय तृतीया पर शादी का मुहूर्त नहीं है, जिससे विवाह नहीं होंगे। 28 मार्च तो गुरु अस्त हुए थे और 22 अप्रैल को ये मेष राशि में प्रवेश भी करेंगे, जो कि शुभ संकेत है लेकिन इनका प्रवेश अस्त अवस्था में ही होगा इसलिए शादी का मूहूर्त नहीं बन पाएगा। मालूम हो कि गुरु 27 अप्रैल को सुबह 2 बजकर 7 मिनट पर मेष राशि में उदय होंगे, जिसके बाद से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे लेकिन इस बार अप्रैल के महीने में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं है जबकि मई महीने में एक दो नहीं बल्कि विवाह के 11 शुभ मुहूर्त हैं। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु ने परशुराम और हयग्रीव अवतार लिए थे। इस दिन स्नान, दान, जप, हवन, तर्पण आदि कार्य करने के अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी-नारायण और कलश पूजन के लिए 22 अप्रैल 2023 को सुबह 07.49 से दोपहर 12.20 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। साधक को पूजा के लिए 04 घंटे 31 मिनट की समय मिलेगा।
अक्षय तृतीया 2023 चौघड़िया मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त (शुभ) – 07:49- 09:04 (22अप्रैल 2023)
दोपहर का मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 12:20 – 05:13 (22अप्रैल 2023)
शाम का मुहूर्त (लाभ) – 06:51- 08:13 (22अप्रैल 2023)
रात्रि का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 09:35 – 01:42, अप्रैल 23
उषाकाल मुहूर्त (लाभ) – 04:26- 05:48 (23 अप्रैल 2023)
अक्षय तृतीया पूजा विधि
अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान-दान, तर्पण करने की परंपरा है। इस दिन सुबह लक्ष्मी-नारायण की पूजा और जल से भरा कलश, पादुका, छाता, पंखा दान करने से कभी न खत्म होने वाला फल प्राप्त होता है। आखा तीज पर दो कलश का दान महत्वपूर्ण होता है। इसमें एक कलश पितरों का दूसरा कलश भगवान विष्णु का माना गया है। पितरों वाले कलश को जल से भरकर काले तिल, चंदन और सफेद फूल डालें. वहीं, भगवान विष्णु वाले कलश में जल भरकर जौ, पीला फूल, पीला चंदन और पंचामृत डालकर उस पर फल रखें। परिवार में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है। मां लक्ष्मी और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
