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धर्मक्षेत्र

आज 3 जुलाई को है आषाढ़ मास की दुर्गाष्टमी : या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

सीएन हरिद्वार। सनातन धर्म में हर दिन पूजा पाठ करने का नियम है. हर माह कोई न कोई पर्व होता होता है. इसी तरह हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है, जो मां दुर्गा को समर्पित होती है. आषाढ़ मास की दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है, यह दिन देवी दुर्गा के भक्तों के लिए बेहद पावन होता है, जब वे मां की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 2 जुलाई 2025 को रात 10 बजे से होगा और यह 3 जुलाई 2025 को रात 11:30 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, आषाढ़ दुर्गाष्टमी का व्रत 3 जुलाई 2025 को रखा जाएगा. दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद, पूजा का संकल्प लें. घर के पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें. एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां दुर्गा को लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, मेहंदी आदि से श्रृंगार करें. एक दीपक प्रज्ज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती जलाएं. मां दुर्गा को लाल गुड़हल के फूल विशेष रूप से पसंद हैं. उन्हें अर्पित करें. फल, मिठाई और हलवा-पूरी का भोग लगाएं. दुर्गा चालीसा का पाठ करें और “ॐ दुं दुर्गायै नमः” या “या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः” जैसे मंत्रों का जाप करें. आखिर में मां दुर्गा की आरती करें और परिवार सहित आरती में शामिल हों. पूजा के दौरान हुई किसी भी गलती के लिए मां से क्षमा याचना करें. पूजा के बाद प्रसाद सभी में बांट दें। दुर्गाष्टमी का पर्व मां दुर्गा की शक्ति और उनके नौ स्वरूपों को समर्पित है. यह दिन भक्तों को भय, बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का सच्चे मन से पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है. इस दिन उनकी पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. जो भक्त सच्ची श्रद्धा से मां की आराधना करते हैं, उनके घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है. मासिक दुर्गाष्टमी पर व्रत रखने और मां दुर्गा की पूजा करने से शारीरिक कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है. मां दुर्गा भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं. संतान प्राप्ति, विवाह संबंधी बाधाएं और करियर में सफलता जैसी इच्छाएं इस दिन पूजा से पूरी हो सकती हैं. मां दुर्गा की उपस्थिति नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों को दूर करती है, जिससे घर में सकारात्मकता का संचार होता है. इस दिन सुविचार के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं.

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