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धर्मक्षेत्र

आज रविवार 2 नवंबर को है तुलसी व शालीग्राम का विवाह, भगवान विष्णु योग निद्रा से जागे

सीएन, नैनीताल। हर साल कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि को तुलसी और शालीग्राम का विवाह कराया जाता है. ऐसा कहते हैं कि कार्तिक शुक्ल एकादशी को भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और फिर शालिग्राम स्वरूप में उनका विवाह तुलसी से कराया जाता है. इस दिन भगवान को तुलसी दल का भोग भी लगाया जता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन भूलकर भी तुलसी से जुड़ी कुछ गलतियां बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पत्ते बिल्कुल नहीं तोड़ने चाहिए. यदि आप भगवान को तुलसी दल का भोग लगाना चाहते हैं तो एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें. कहते हैं कि तुलसी में स्वयं माता लक्ष्मी का वास होता है. और भगवान विष्णु को मां लक्ष्मी अत्यंत प्रिय हैं. तुलसी को अशुद्ध अवस्था में नहीं छूना चाहिए. तुलसी विवाह के दिन स्नान किए बगैर या गंदे हाथों से तुलसी के पौधे को स्पर्श न करें. इस दिन घर में मांस-मदिरा या तामसिक चीजों का सेवन भी न करें. घर में शुद्धता और सात्विकता का विशेष ख्याल रखें. तुलसी के आस-पास गंदगी बिल्कुल न रखें. तुलसी के गमले के आस-पास कूड़ा-कचरा या जूते-चप्पल बिल्कुल न रखें. इसे माता लक्ष्मी का अपमान समझा जाता है. तुलसी के पास कांटेदार पौधे रखने से भी बचना चाहिए. इस दिन तुलसी के आस-पास गंगाजल से छिड़काव करके उस स्थान को पवित्र रखे। यह दिन तुलसी पूजन के लिए बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है. इसलिए इस दिन सुबह और शाम दोनों पहर तुलसी पूजा करें. तुलसी के सामने दीपक जलाएं और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें. संध्याकाल में तुलसी के पास अंधेरा बिल्कुल न रहने दें. इस साल कार्तिक द्वादशी तिथि रविवार को पड़े रही है. कहते हैं कि तुलसी को एकादशी तिथि और रविवार के दिन कभी जल अर्पित नहीं किया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी का उपवास होता है. इसलिए इस दिन तुलसी को जल अर्पित करने से परहेज करें.

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