धर्मक्षेत्र
आज 29 मार्च को दुनिया भर में मनाया जा रहा है शोक दिवस के रूप में गुड फ्राइडे
आज 29 मार्च को दुनिया भर में मनाया जा रहा है शोक दिवस के रूप में गुड फ्राइडे
सीएन, नैनीताल। दुनिया में जब.जब पाप बढ़ने लगता है, उस पाप को रोकने के लिए एक मसीहा का जन्म होता है। ईसाई धर्म में मान्यता है कि इंसानों को सही राह पर लाने के लिए ईसाइयों के भगवान प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईसा मसीह के बलिदान दिवस को गुड फ्राइडे नाम से जाना जाता है। इस साल गुड फ्राइडे 29 मार्च शुक्रवार को पड़ रहा है। हर साल ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन ईसाह मसीह यानी यीशू को तमाम यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था। ब्लैक फ्राइडे या होली फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता हैं हर साल ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे होता होता हैं इस साल ईस्टर संडे 31 मार्च को हैं ऐसे में गुड फ्राइडे 29 मार्च को मनाया जाएगां माना जाता है कि इसी दिन ईसाह मसीह यानी यीशू को तमाम यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया थां।मान्यता है कि गुड फ्राइडे के दिन को प्रभु यीशु मसीह ने मानवता की सेवा के लिए बलिदान दिया थाए इसलिए इस भले काम के लिए उन्हें याद किया जाता है। गुड फ्राइडे को हॉली फ्राइडे ब्लैक फ्राइडे ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि जिस दिन प्रभु यीसू मसीह को क्रॉस पर चढ़ाया गया था उस दिन शुक्रवार यानी फ्राइडे का दिन था। इस दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च में काले कपड़े पहनकर प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को याद करते हुए प्रेयर करते हैं। यह दिन ईसा मसीह का बलिदान दिवस होता है इसलिए इस दिन चर्च बेल नहीं बजाई जाती बल्कि लकड़ी से बने बॉक्स को बजाया जाता है। बाइबल के अनुसार जब यीशु मसीह को सूली यानी क्रॉस पर चढ़ाया जा रहा था, तो उन्होंने कहा कि हे प्रभु इन्हें माफ करना क्योंकि यह नहीं जानते कि यह क्या कर रहे हैं। ईसाई धर्म में प्रभु ईसा मसीह की इसी दयालुता को याद रखा जाता है और मानवता को यही संदेश दिया जाता है कि उन्हें अपने दिलों में दयालुता को हमेशा जिंदा रखना चाहिए। ईस्टर के पहले पड़ने वाला फ्राइडे यानि शुक्रवार को गुड फ्राइडे कहते है जिसकी गणना पूर्वी ईसाईयत एवं पश्चिमी ईसाईयत में अलग.अलग तरीके से की जाती है। ईस्टर पास्कल पूर्ण चंद्रमा जो 21 मार्च को या उसके बाद की तारीख पर होता है। इसके बाद आने वाले सबसे पहले रविवार को गुड फ्राइडे पड़ता है। पश्चिमी गणना में जोर्जियन कैलेंडर का प्रयोग किया जाता है जबकि पूर्वीय गणना में जुलियन कैलेंडर का जिसका 21 मार्च जोर्जियन कैलेंडर के 3 अप्रैल से मेल खाता है। पूर्ण चंद्रमा के तारीख को निश्चित करने के तरीके भी विभिन्न होते हैं।
धर्मनिरपेक्ष देश भारत में गुड फ्राइडे
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहाँ सभी धर्मों को समान महत्व प्राप्त है, चाहे वह अल्पसंख्यक समुदाय का हो या बहुसंख्यक समुदाय का। देश में रहने वाले सभी व्यक्तियों को अपने धर्मानुसार कर्मकांड, अनुष्ठान और पर्व मनाने की स्वतंत्रता है। यही वज़ह है कि देश में कुछ प्रमुख पर्वों के अवसर पर अवकाश निर्धारित किया गया है। भारत में गुड फ्राइडे के अवसर पर केन्द्रीय अवकाश के साथ.साथ राज्य स्तरीय अवकाश भी रहता है, साथ ही शेयर बाज़ार सामान्यतः बंद रहते हैं। असम, गोवा और केरल आदि राज्यों में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या अन्य प्रदेशों की तुलना में थोड़ी अधिक है। यही कारण है कि इन राज्यों में गुड फ्राइडे, ईस्टर या फिर क्रिसमस जैसे त्यौहारों की रौनक अलग ही देखने को मिलती है।