धर्मक्षेत्र
आज 09 जुलाई 2025 को है आषाढ़ चतुर्दशी : हिंदू और जैन धर्म दोनों में खास महत्व
सीएन, हरिद्वार। आज 09 जुलाई 2025 है। आज चौमासी चौदस है। आषाढ़ चतुर्दशी जिसे आषाढ़ी चौदस के नाम से भी जाना जाता, इसका हिंदू और जैन धर्म दोनों में खास महत्व है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी भगवान शिव से जुड़ी हुई है। हिंदू धर्म में यह दिन भगवान शिव और माता शक्ति के मिलन का पर्व माना जाता है। साथ ही, इसी तिथि पर ज्योतिर्लिंगों का प्रादुर्भाव हुआ था। यह चौमासी चौदस के रूप में जानी जाती है जो चातुर्मास के 3 दिन बाद पड़ती है। इसके अलावा चौमासी चौदस का पर्व जैन समुदाय के लोगों का एक अत्यधिक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार आषाढ़ी पूर्णिमा (जून – जुलाई के दौरान पूर्णिमा के दिन) से आरम्भ होता है और कार्तिक पूर्णिमा (अक्टूबर – नवंबर के दौरान पूर्णिमा का दिन) पर समाप्त होता है। इस चार माह में भगवान महावीर के दिए ज्ञान और उपदेशों का अभ्यास किया जाता है और जैन समुदाय के लोग अहिंसा के सिद्धांत का पालन करते हैं। इस अवधि में जैन संत किसी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान पर वास करते हैं और अपना समय प्रार्थना, आध्यात्मिक विचार विवेचन जैसी धार्मिक गतिविधियों में समय व्यतीत करते हैं। जैन समुदाय के लोग इस दौरान उत्सव, पूजापाठ व शुभ कार्यों से लेकर आध्यात्मिक विकास के लिए संत्संग में भाग लेते हैं आषाढ़ चतुर्दशी का आरंभ 9 जुलाई, बुधवार के दिन सुबह 6 बजकर 59 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 10 जुलाई, गुरुवार के दिन सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में आषाढ़ चतुर्दशी या आषाढ़ चौमासी चौदस इस साल 9 जुलाई को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव की आराधना एवं ध्यान करना शुभ माना जाता है। ऐसे में भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ समय शाम 7 बजकर 22 मिनट से रात 8 बजकर 23 मिनट तक है जो संध्या मुहूर्त है। इस मुहूर्त में पूजा करने से शिव जी की असीम कृपा मिलती है।
