अल्मोड़ा
छापर कार्यशाला में बच्चों ने जानी नुक्कड़ नाटक की बारीकियां
छापर कार्यशाला में बच्चों ने जानी नुक्कड़ नाटक की बारीकियां
सीएन, अल्मोड़ा/चुरू। राजस्थान युग पुरुष आचार्य श्री महाश्रमण जी के चातुर्मास प्रवास स्थल छापर चुरू (राजस्थान) में अणुव्रत विश्व भारती व आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यशाला में बच्चों ने नुक्कड़ नाटक की बारीकियां समझी। उसके बाद नृत्य व प्रस्तुति के आधार पर नुक्कड़ नाटक के लिए बच्चों का चयन किया गया। सभी बच्चों को अवसर देते हुए बांकी बच्चों को समूह गीत सिखाया गया।अल्मोड़ा बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने बच्चों को तोता कहता है, नेता जी की खोज, जैसा मैं करूं आदि खेल कराए। आज संपन्न खेल प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में बच्चों को बालसाहित्य उपहार में दिया गया। प्रतियोगिताओं के मूल्यांकन में किडजोन के गोविंद सारस्वत, अंजलि सेन व पुष्पा प्रजापत ने सहयोग किया। आज बच्चों ने ‘मेरा गांव’ तथा ‘मेरा स्कूल’ विषय पर अपना आलेख तैयार किया। प्रातः कालीन सत्र में बाल प्रहरी संपादक उदय किरौला ने राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय छापर के बच्चों को ‘टोपीलाल की कहानी’ सुनाई। किडजोन के प्रभारी गोविंद सारस्वत ने चातुर्मास में किडजोन द्वारा बच्चों के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। विद्यालय के लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चों ने त्वरित अपना भाषण प्रस्तुत किया। सभी बच्चों को पुरस्कार में बाल साहित्य उपहार में दिया गया। संचालन अंजली सेन ने किया। कार्यशाला के सायंकालीन सत्र में अणुव्रत विश्व भारती के अध्यक्ष तथा ‘बच्चों का देश’ पत्रिका के संपादक संचय जैन ने बच्चों से कहा कि पुस्तकें हमारी दोस्त होती हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी महापुरुष हुए हैं साहित्य ने उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन को आगे बढ़ाने में समाज व देश का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने व्यक्तिगत जीवन के अतिरिक्त समाज व देश के लिए भी जरूर सोचें।