अल्मोड़ा
नृत्य सम्राट उदयशंकर के जीवन के विविध पक्ष भावमय रंगों के संग, चित्र निर्माण राष्ट्रीय कार्यशाला एवं प्रर्दशनी सम्पन्न
सीएन,अल्मोड़ा। भारतीय नृत्य सम्राट श्री उदय शंकर की स्मृति में चल रही सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के अन्तर्गत चित्रकला विभाग मे अधिकतर कलाकारों ने अपने चित्र के कार्य को पूर्ण कर कार्यशाला देखने आये पत्रकारों से और दर्शकों से कलाकारों ने अपने चित्र निर्माण और कार्यशाला अवधि के अनुभव को साझा किया। प्रोफेसर प्रवीण सिंह बिष्ट (परिसर निदेशक सोहन सिंह जीना विवि परिसर अल्मोड़ा) ने कार्यशाला में आकर चित्रो को देखा कलाकारों से उनके चित्रों के बारे में बात की और उनके कार्यकुशलता तथा विषय के प्रति गहन चिंतन की सराहना की। प्रो. शेखर चंद्र जोशी चित्रकला विभागाध्यक्ष ने कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर सोनू द्विवेदी के संयोजक कार्य की प्रशंसा की और बताया कि कुशल संयोजन में चित्र बनाया गया है। कार्यशाला समन्वयक प्रोफेसर सोनू दिवेदी शिवानी ने कहा कि आज का युवा संसाधन से युक्त है उसे राष्ट्रीय हित के विषय की दिशा में बस ले जाने की आवश्यकता होती है वह आज सोशल मीडिया के द्वारा बहुत तेजी से जानकारी एकत्र कर लेता है। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने उदयशंकर के अल्मोड़ा प्रवास और उनके नृत्य जीवन के विविध पहलुओं को चित्रों में उभारा है वास्तव में यहां बने चित्रों की उदयशंकर संगीत एवं नाट्य अकादमी फलसीमा अल्मोड़ा में प्रर्दशनी एक नया इतिहास बनेगी। एक स्थान पर एक ही विषय पर अलग-अलग शैली और तकनीकी के भावमय चित्र देखने को मिलेंगे। उत्तराखंड संस्कृति विभाग का यह प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है आशा है कि आगे भी ऐसे जागरण कार्यक्रम का आयोजन कराये जायेंगे। आज कलाकारों की कलाकृतियों का लगभग निर्माण पूर्ण हो चुका है। चित्र शीर्षक-कल्पना, रौद्र रस, उदयशंकर और अल्मोड़ा, तांडव नृत्य, विद ऐपण उदय नृत्य, शिव -पार्वती, उदय का हिमालय प्रेम आदि अनेक चित्रो ने दर्शक और मीडिया को कला और कलाकार के गहन चिंतन की प्रशंसा करने के लिए विवश कर दिया। उनके नृत्य की अनेक मुद्राओं, भाव -भंगिमाओं को देखा जा सकता है, जिसमे नटराज नृत्य, गज हस्त मुद्रा, लयात्मक रेखांकन के वृहद खूबसूरत चित्रांकन अत्यंत आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। कलाकारों ने उदय शंकर को भारतीय कला परंपरा और चित्रकला के विविध आयामों से जोड़ा है। कलाकारों का कहना है कि उदयशंकर के नृत्य जीवन पर कार्य करना अत्यधिक रोमांचकारी रहा है। यह कार्यशाला कल अपराह्न तक चलेगी उसके बाद तैयार कलाकृतियों को उदय शंकर नाट्य अकादमी में प्रदर्शित किया जाना है। प्रमाण पत्र वितरण एवं समापन किया गया। कुरूक्षेत्र से आये आशीष वर्मा ने बताया कि इस तरह की कार्यशाला बहुत कम होती है जब कि एक सप्ताह का समय चित्र निर्माण हेतु मिले। सुरभि भट्ट ने कहा कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कलाकार एक ही विषय पर चित्र बना रहे सबकी शैली और अपनी तकनीक है। आज चित्रकार आशीष, सुरभि, निकिता, यामिनी, नेहा, हर्षिता, गुड्डी, रिया मिताली, नवीन, निखिल, गीता, मनीषा, मीनाक्षी, गणेश, निकिता, कृष्णा , गीता, सुनीता, राकेश, रौनक, नवीन आर्या, पियूष, तारा सिंह, नीरज, वीरेंद्र, उडित सहित सभी प्रतिभागियों में पूर्ण उत्साह था। कार्यशाला मे तकनीकी सहयोग विभाग से श्री पूरन मेहता श्री संतोष सिंह मेर और जीवन ने दिया। मीडिया प्रचार कार्य योगेश डसीला द्वारा किया गया ।
































































