चम्पावत
आयुक्त ने चंपावत के चाय बागान व आसपास के इलाकों का पैदल निरीक्षण किया
आयुक्त ने चंपावत के चाय बागान व आसपास के इलाकों का पैदल निरीक्षण किया
सीएन, चंपावत। अपने दो दिवसीय दौरे पर चंपावत पहुंचे कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने चंपावत के चाय बागान और आसपास के इलाकों का पैदल निरीक्षण किया उन्होंने चाय बागवानों को अधिक विकसित करने और टी.पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई निर्देश दिए आयुक्त दीपक रावत ने शिलिंगटाक, फूंगर, झालीमाली गांव के चाय बागानों का दोहरा किया उन्होंने चाय की प्रोसेसिंग गुणवत्ता और आकर्षक पैकिंग पर जोर दिया ताकि पर्यटक इन चाय बागानों की ओर आकर्षित हो सकें आयुक्त ने चाय बोर्ड प्रबंधन और जिला पड़े पर्यटन अधिकारी से चाय बागानों की स्थिति और विकास की जानकारी उन्हें निर्देश दिए की चाय बागानों में पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधा का विकास किया जाए जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले आसानी लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके। कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि टी गार्डन में तीन कॉटेज और एक कैफे पूर्व से ही संचालित है। काफी पर्यटकों द्वारा यहां रुकने हेतु रुचि जताई है। इसलिए एक प्रोजेक्ट जनपद से बन रहा है जिसकी स्वीकृति शीघ्र ही मिल जाएगी। जिसके तहत अतिरिक्त कॉटेज बनाए जाएंगे। चाय बागान में व्यू प्वाइंट यहां पहले से ही निर्मित है। इसके अलावा कुछ हिस्सों में चाय बागान को और अधिक विस्तारित किया जाएगा और बच्चों की गतिविधियों हेतु इसमें इको पार्क बनाया जाएगा। कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि जिले के स्थानीय आकर्षण वाले स्थानों को कोली ढेक झील, पूर्णागिरि, राजबुंगा किला को पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक विकसित किया जाएगा। इन सभी पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए एक शानदार परियोजना तैयार की जाएगी। जिसमें टी. गार्डन पहले स्वीकृत हो जाएगा। बाहर से आने वाले पर्यटक इसका आनंद ले सकेंगे इसके अतिरिक्त यहां रोजगार की भी असीम संभावनाएं बढ़ेंगे और लोगों को आर्थिक की प्राप्त होगी। चाय विकास बोर्ड प्रबंधन राकेश कुमार ने आयुक्त को विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंपावत में चाय बागानों में विभिन्न विकास कार्य किए जा रहे हैं। चाय का क्षेत्रफल को बढ़ाए जाने को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चाय के बागान विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही कमिश्नर रावत ने सीलिंगटॉक में घर-घर जाकर हर घर नल हर घर जल योजना का स्थलीय निरीक्षण किया। कुछ घरों में पानी नहीं आ रहा था जिस पर उन्होंने निर्देश दिए कि उक्त योजना के तहत एक महीने के भीतर नलों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।