धर्मक्षेत्र
सोमवती अमास्या पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में पवित्र डुबकी
सोमवती अमास्या पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में पवित्र डुबकी
सीएन, हरिद्वार। साल की पहली सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने दूरदराज से हरिद्वार पहुंचकर पवित्र हर की पौड़ी पर मां गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना की। लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। हरिद्वार को पांच सुपर जोन 39 सेक्टरों में विभाजित किया गया था। इसके साथ ही हरिद्वार में भारी वाहनों का प्रवेश पर रोक लगी रही। पुलिस-प्रशासन की ओर से चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी मौजूद रहे। भोर से ही श्रद्धालुओं ने हर की पौड़ी सहित हरिद्वार के अनेक घाटों पर बिरला घाट, वीआईपी घाट, गणेश घाट, सर्वानंद घाट सुभाष घाट आदि घाटों पर जय मां गंगा गंगे के उद्घोष के साथ आस्था की डुबकी लगाई। पूजा-अर्चना कर दान कर पुण्य अर्जित किया।
सोमवती अमावस्या पर पूजा और तर्पण का मिलता है दोगुना फल
इस साल की फाल्गुन अमावस्या पर सोमवार और शिव योग का संयोग बन रहा है। ये दिन और योग दोनों ही महादेव को समर्पित है। ऐसे में इस दिन भोलेनाथ की साधना, मंत्र जाप, तप, श्राद्ध कर्म करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होगा। फाल्गुन माह की सोमवती अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान के बाद पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म करें। उसके बाद 5 माला गायत्री मंत्र का जाप करें। मान्यता है इससे हर तरह के संकट का नाश होता है। जीवन में सुख का वास होगा और धन की वर्षा होती है। सोमवती अमावस्या के दिन दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल, शक्कर से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें. ऊं नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे चंद्रमा मजबूत होता है। फिर चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें। सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। मान्यता है इससे कालसर्प दोष से राहत मिलती है। सोमवती अमावस्या के दिन पीपल पर कच्चा सूत 108 बार लपेटते हुए परिक्रमा करें। 5 तरह के फल भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अर्पित करें। बाद में इन्हें कन्याओं को दान कर दे।. मान्यता सोमवती अमावस्या पर ये तीन कार्य करने से सुहागिनों को अखंड सौभग्य का वरदान मिलता है और आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाती है। संतान भी चिरंजीवी होती है।