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नैनीताल

श्यामखेत के बगीचे में पाया गया गर्म वातावरण का मॉनिटर लिजर्ड यानि गोह

श्यामखेत के बगीचे में पाया गया गर्म वातावरण का मॉनिटर लिजर्ड यानि गोह
सीएन, भवाली/नैनीताल।
गर्म वातावरण में पाये जाने वाला मॉनिटर लिजर्ड यानि गोह जो दुर्लभ छिपकली प्रजाति में शामिल है, वह भवाली के श्यामखेत निवासी संजय जोशी पुत्र स्व. दुर्गा दत्त जोशी के घर के पास बगीचे में दिखाई दिया। जिससे लोगों में दहशत व्याप्त है। बताया जा रहा है कि मॉनीटर लिजर्ड कुमाऊं में अधिकतर गर्म वातावरण में पाया जाता है। भवाली जैसी ठंडी आबोहवा में इसका पाया जाना अजूबा लगता है। भवाली के आस पास विगत दस वर्षों के दरमियान अत्यधिक भवनों के निर्माण से यहां की भौगोलिक स्थिति में बदलाव से तापमान बढ रहा है। जिसके कारण गौला से आ रही रेत में इसका अंड्डा यहां आया हो सकता है। यहां इसको अनुकूल वातावरण एव तापमान मिलने से यह पैदा हुआ। लोगों को शंका है कि इसका कुनबा बढ तो घरेलू जीवों के लिये घातक हो सकता है। मालूम हो कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व सरीसृप वर्ग के वन्यप्राणियों को भी खासी रास आने लगी है। इसमें मॉनिटर लिजर्ड गोह की प्रजातियां देखी जा रही है। पीटीआर समेत जंगल से सटे इलाकों में इनकी तादाद खासी बढ़ती दिखाई दे रही है। अच्छी खबर यह है कि दुर्लभ प्रजाति की पीली गोह भी देखने को मिली है। भारत में पाई जाने वाली चार प्रजाति में से अभी तक पीटीआर में गोह की दो प्रजातियां चिह्नित की जा चुकी है। विशालकाय छिपकली के रूप में दिखने वाले मॉनिटर लिजर्ड लगभग सभी प्रकार की जलवायु में पाई जाती है। खास बात यह है कि यह भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की उस श्रेणी में शामिल है जिसमें शेर, बाघ शामिल हैं। इसे मारने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। लोग इसे बेहद जहरीला मानते हुए अमूमन इसे मार देते हैं जबकि हकीकत यह है कि यह बिल्कुल भी जहरीली नहीं होती है। मॉनिटर लिजर्ड की दो प्रजातियां अभी तक चिह्नित की गई है। शेड्यूल वन का प्राणी होने के पश्चात भी लोगों में इसके प्रति जागरूकता नाममात्र को नहीं है। अध्ययन के दौरान पाया कि यह बेहद शात स्वभाव का प्राणी है। वन विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार गोह जहरीली नहीं होती। यह सरीसृप अवश्य हैं, लेकिन आमतौर पर इनसे खतरा नहीं होता। हालांकि, इनकी पूंछ बेहद पैनी होती है और इससे यह अपना बचाव करते हैं। इसके अलावा इनकी लार भी मनुष्य की त्वचा और अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। क्योंकि यह उच्च कोटि का प्रोटीन पचाने के लिए होता है। मॉनिटर लिजर्ड जिसे हम गोह के नाम से भी जानते हैं। यह मुख्य रूप से स्थलीय भागों में रहती है। यह तेज धावक व पेड़ पर चढ़ने में माहिर होती है। तैराकी में दक्ष गोह जब दौड़ती है, तब पूछ ऊपर उठा लेती है। गोह खेतों के आसपास ज्यादा दिखाई देती है। चूहे व कीड़े मकोड़े और छोटे जीव इनका भोजन होता है। यह छिपकली के आकार का बड़ा सरीसृप है। इनका शरीर भूरा होता है, इनका शरीर छोटे.छोटे शल्क से भरा रहता है। इनकी जुबान सांप की तरह, पंजे मजबूत, धूम चपटी और शरीर गोल रहता है। इसकी पकड़ बहुत ही मजबूत होती है। इसके बच्चे चटकीले रंग के होते हैं। जिनकी पीठ पर बिंदिया पड़ी रहती है।
कानून इसे नुकसान पहुंचाना अपराध
मॉनिटर लिजर्ड गोह वन्य प्राणी अधिनियम के तहत संकटग्रस्त सूची में है। इसे किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाने या इसका शिकार करने पर या इनके शरीर के किसी भी अंग का व्यवसाय करने पर कानूनी रूप से कार्रवाई और सजा का प्रावधान है।

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