Connect with us

नैनीताल

जनजातीय गौरव दिवस पर संगोष्ठी, बिरसा मुंडा की विरासत व उत्तराखंड की जनजातीय पहचान पर चर्चा

सीएन, नैनीताल। डीएसबी कैम्पस कुमाऊँ विश्वविद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन परिसर निदेशक प्रो नीता बोरा शर्मा व अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो संजय पंत जी के मार्गदर्शन में किया गया। संगोष्ठी में भारत की जनजातीय विरासत, जनसांख्यिक विशेषताएँ और संवैधानिक स्थिति पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. ऋचा गिनवाल के स्वागत एवं परिचयात्मक वक्तव्य से हुई। उन्होंने 15 नवंबर को मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा 15 नवंबर को राज्यव्यापी जनजातीय गौरव दिवस मनाने के निर्देश की भी जानकारी दी। डॉ. गिनवाल ने बताया कि देश की कुल जनसंख्या का 8.6% हिस्सा अनुसूचित जनजातियों से संबंधित है और संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत 730 जनजातियाँ अधिसूचित हैं। उत्तराखंड में पाँच प्रमुख जनजातियाँ निवास करती हैं, जो राज्य की कुल आबादी का 2.9% हैं। डीएसडब्ल्यू प्रो. संजय पंत ने उद्घाटन उद्बोधन देते हुए जनजातीय संरक्षण और सांस्कृतिक संवर्धन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इसके बाद सुश्री सोनम कोटियाल ने उत्तराखंड की प्रमुख जनजातियों—जौनसारी, थारू, राजी, बुक्सा और भोटिया—की भौगोलिक स्थिति और सांस्कृतिक पहचान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने 1962 के बाद रंग/शौका समुदाय में आए आर्थिक परिवर्तनों का भी उल्लेख किया। संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण डॉ. दिव्या का व्याख्यान रहा, जिसमें उन्होंने जोहारी शौका समुदाय की प्राचीन हिमालयी व्यापार परंपरा, ग्यानिमा मंडी के ऐतिहासिक महत्व और 1962 के पश्चात आर्थिक संकट से उभरने की उनकी यात्रा को विस्तार से समझाया। उन्होंने मुनस्यारी के उन्नी प्रशिक्षण केंद्र और पर्यटन के बढ़ते अवसरों का भी उल्लेख किया। प्रो. सवित्री कैरा जंतुाल ने उत्तराखंड की गौरवशाली जनजातीय महिला बछेंद्री पाल के प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे कठिन परिस्थितियों के बावजूद बछेंद्री पाल ने 1984 में माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रचा और महिलाओं की क्षमताओं को नई पहचान दिलाई। कार्यक्रम का समापन डॉ. जे. के. लोहानी और डॉ. हर्देश कुमार द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने निदेशक डॉ. नीता बोरा शर्मा, प्रो. संजय पंत, सभी संकाय सदस्यों और छात्रों का आभार व्यक्त किया।

More in नैनीताल

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING