धर्मक्षेत्र
वामपाद दोष वाले लोग करें विषुवत संक्रांति पर रुद्राभिषेक दुर्गा सप्तसती का पाठ व दान
बैशाखी का दिन विषुवत संक्रांति 14 अप्रैल 2023 दिन शुक्रवार है निश्चित
प्रो. ललित तिवारी, नैनीताल। जिन राशि के व्यक्तियों को विषुवत संक्रांति चंद्र बल अशुद्धि (अपैट) एवं वामपाद दोष है उन सभी को विषुवत संक्रांति पर रुद्राभिषेक दुर्गा सप्तसती का पाठ, दान आदि विशेष उपाय का विधान है जिसे आज संक्रांति पर किया जाता है।वैशाखी सिख नव वर्ष की शुरुआत है और 1699 में गुरु गोबिंद सिंह के नेतृत्व में योद्धाओं के खालसा पंथ के गठन का प्रतीक है तथा गेहूं सहित फसल से संदर्भित है। आज भगवान सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मेषसंक्रमे प्रागपरा दश घटिका: पुण्यकाल:।’ आज से सौर वैशाख मास प्रारंभ होगा। महीनों के सूर्य संक्रमण जिससे सौर मानेन कह कर उस माह का नाम लेते हैं। ज्योतिष में चन्द्र मास व सौर मास का अन्तर स्पष्ट है। वैशाख मास के विषयक स्कन्द पुराण में लिखा है कि –न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम् । न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गङ्गया समम् ।। वैशाख का महीना मां की तरह पवित्र तथा प्राणियों को अभीष्ट वस्तु प्रदान करने वाला है। धर्म और यज्ञ का सार, भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला है, और इस माह में सूर्योदय से पूर्व स्नान किया उसके समस्त पाप शान्त हो जाते हैं। और यह विशेषता है इस मास दान से जो पुण्य मिलता है, वो तीर्थों के फलों के बराबर है । केवल जल दान से ही प्राप्त हो जाता है। अनन्त कोटि फल की उपलब्धि मिलती है। तेल लगाना, दिन में सोना, कांसी के पात्र में भोजन करना, घर में नहाना, निषिद्ध पदार्थ खाना, दुबारा भोजन करना इस मास में वर्जित है। इस माह का नाम माधव है अर्थात् इस माह के स्वामी भगवान श्रीकृष्ण हैं, अतः—‘मधुसूदन देवेश वैशाखे मेषगे रवौ। प्रातः स्नान करिष्यामि निर्विघ्नं कुरु माधव:।।’ बंगाल के लोग इसे पोइला बैशाखा नव वर्ष के रूप में मनाते हैं।आज के दिन सत्तू दान भी किया जाता है। उत्तराखंड में इस माह में , प्राचीन काल से ही मेलों (थौल) का माना गया है ।यह मास माइके जाने हेतु वैशाख में मेले के साथ अपने भाई बहनों से मिलने का सुअवसर देता है।
