Connect with us

धर्मक्षेत्र

कल है महाशिवरात्रि : इसे मनाने के पीछे हैं 4 प्रमुख कारण

सीएन, नैनीताल। हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी शनिवार को है महाशिवरात्रि मनाने के पीछे 4 प्रमुख कारण हैं, जिनका वर्णन शिव पुराण में कथाओं के माध्यम से किया गया है। इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी दिन शनिवार को है. हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. शिव भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, भगवान शिव की पूजा करते हैं और शिव बारात निकालते हैं. महाशिवरात्रि मनाने के पीछे 4 बड़े कारण हैं, जिनका वर्णन शिव पुराण में कथाओं के माध्यम से किया गया है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ गणेश मिश्र से जानते हैं महाशिवरात्रि के महत्व के बारे में.

4 वजहों से मनाते हैं महाशिवरात्रि

यह भी पढ़ें 👉  इस बार पितृ पक्ष अमावस्या पर साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगेगा, भारत में सूतक काल मान्य नहीं

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सती के वियोग के समय भगवान शिव वर्षों तक समाधि में लीन रहे थे। उधर माता पार्वती ने पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। नारद जी से प्रेरणा पाकर माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की। तब भगवान शिव ने प्रसन्न होकर माता पार्वती को मनोकामना पूर्ति का वरदान दिया। उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह महाशिवरात्रि या फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ। इस वजह से हर साल महाशिवरात्रि पर शिव विवाह का आयोजन किया जाता है। शिव बरात निकाली जाती है। शिव पुराण में कहा गया है कि जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा के बीच ज्येष्ठ होने को लेकर विवाद हुआ तो भगवान शिव सबसे पहले महाशिवरात्रि के दिन एक विशाल दिव्य शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए। भगवान विष्णु ने वराह का रूप धारण किया और उसके निचले हिस्से की खोज करने लगे और भगवान ब्रह्मा ने हंस का रूप धारण किया और उसके ऊपरी हिस्से की खोज करने लगे। वे दोनों ही उस शिवलिंग के आदि और अंत का पता नहीं लगा सके। तब भविष्यवाणी हुई कि वे शिव हैं, उन्हीं से आदि और अंत, जीवन और मृत्यु हैं। उन्हीं से सृष्टि का प्रारंभ हुआ। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव का बारहवां ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ था। इस वजह से महाशिवरात्रि पर इन बारह ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने से शिव की कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने महाशिवरात्रि पर पहली बार प्रदोष तांडव नृत्य किया था। इस वजह से महाशिवरात्रि की तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है।

Continue Reading
You may also like...

More in धर्मक्षेत्र

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING