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जन मुद्दे

श्रीनगर में ढोल की थाप पर शुरू हुआ ऑक्टेव 2022

सतपाल महाराज ने किया शुभारंभ, जागरूकता फैलाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच
सीएन, श्रीनगर।
उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा 20 से 22 मई तक आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित उत्सव ऑक्टेव-2022 का ढोल की थाप के साथ दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। श्री महाराज ने आज रामलीला मैदान में तीन दिवसीय उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित उत्सव अॉक्टेव-2022 का ढोल की थाप के साथ दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए इसके लिए लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के बाद पहली बार इस प्रकार का आयोजन होने से पूरे वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा और लोग कोरोना के भय को भुला पायेंगे। श्री महाराज ने कहा कि उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित होने वाले इस प्रतिष्ठित उत्सव ऑक्टेव-2022 के आयोजन में उत्तर पूर्व क्षेत्र के कलाकारों और कारीगरों को उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक सही मंच प्रदान करने के लिए संस्कृति मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा “ऑक्टेव फेस्टिवल ऑफ द नॉर्थ ईस्ट” की शुरुआत की गई थी। इस क्षेत्र में आठ राज्य शामिल हैं असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम। इसलिए इसका नाम ऑक्टेव रखा गया। चूँकि शेष भारत उत्तर पूर्वी राज्यों की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और कलात्मक अभिव्यक्तियों से पर्याप्त रूप से परिचित नहीं है, शायद दूरी और भौगोलिक सीमाओं के कारण, ऑक्टेव फेस्टिवल ने लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच प्रदान किया है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, ऑक्टेव उत्सव जेडसीसी द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने सदस्य राज्यों में से एक में आयोजित किया जाता है। श्री महाराज ने कहा कि इस वर्ष उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला ने इस प्रतिष्ठित उत्सव ‘ऑक्टेव -2022 को 20 से 22 मई, 2022 तक श्रीनगर, उत्तराखंड में आयोजित करने का निर्णय लिया गया जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है। भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के लगभग 250 कलाकार इस उत्सव में भाग ले रहे हैं। इस सांस्कृतिक आयोजन में बीहू, बरडोई नृत्य असम, पुंग चोलम और ढोल चोलम मणिपुर, लाई हरूबा और थांगटा मणिपुर, होजागिरी त्रिपुरा, सिंघी छम्म सिक्किम, तमांग सेलो सिक्किम, युद्ध नृत्य नागालैंड, एफिलो कुघू मुगियंता नागालैंड, रिकम्पादा अरुणाचल प्रदेश, ब्रोजाई अरुणाचल प्रदेश, का शाद मस्तीह/होको मेघालय, वांगला नृत्य मेघालय, मिजोरम आदि नृत्य शामिल हैं। संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देश के इस हिस्से के लोगों, खासकर युवाओं और छात्रों को पूर्वोत्तर के उल्लास का जश्न मनाने का दुर्लभ अवसर मिल रहा है। इससे उत्तर-पूर्वी राज्यों के सैकड़ों कलाकार भी उत्तराखंड की संस्कृति का अनुभव कर सकेंगे। इस मौके पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की निदेशक श्रीमती दीपिका पोखरना, कार्यक्रम संयोजक राकेश भट्ट, जगजीत सिंह एवं जनरेल सिंह सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद थे।
पहला ऑक्टेव मार्च 2006 में नई दिल्ली में आयोजित हुआ
द ऑक्टेव–फेस्टिवल ऑफ नॉर्थ ईस्ट ‘को संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तर पूर्व क्षेत्र के कलाकारों और कारीगरों को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत करने के लिए एक सही मंच प्रदान करने के लिए पेश किया गया था। इस क्षेत्र में आठ राज्य शामिल हैं – असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम – इसलिए इसका नाम ऑक्टेव है।मालूम हो कि पहला ऑक्टेव मार्च 2006 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, जिसका उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने किया था। तब से, नॉर्थ ईस्ट ज़ोन कल्चरल सेंटर, दीमापुर हर साल अपने समकक्ष जोनल कल्चरल सेंटर्स के साथ मिलकर ऑक्टेव फेस्टिवल का आयोजन करता रहा है। इस प्रकार नई दिल्ली में अपनी यात्रा के बाद हैदराबाद में अपने दूसरे वर्ष में, 2007 में केरल, गोवा, मुंबई और 2008 में पटना और 2009 में सूरत, 13 से 17 फरवरी, 2010 तक अमृतसर (पंजाब) में ऑक्टेव -2010 का आयोजन किया गया। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला, जहाँ 22 से 24 मार्च, 2011 तक सोलन (हिमाचल प्रदेश) में ऑक्टेव -2011 का आयोजन किया गया था; ऑक्टेव -2013 का आयोजन जम्मू (जम्मू और कश्मीर) में 25 से 27 मार्च, 2013 तक और ऑक्टेव -2014 का आयोजन प्लाजा, सेक्टर 17, चंडीगढ़ में 21 से 23 मार्च, 2014 को किया गया था।

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