धर्मक्षेत्र
केदारनाथ धाम के कपाट खुले, बर्फबारी के बीच हजारों की संख्या में पहुंचे भोलेनाथ के भक्त
केदारनाथ धाम के कपाट खुले, बर्फबारी के बीच हजारों की संख्या में पहुंचे भोलेनाथ के भक्त
सीएन, केदारनाथ धाम। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गये हैं। श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ मनाया जश्न मनाया साथ ही मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान हजारों की संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहे। आज सुबह शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण और परंपरा अनुसार केदारनाथ की रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में विश्व प्रसिद्ध तीर्थ धाम भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए गए इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जय भोले बम भोले की नारों से पूरी केदार पूरी हो भक्तिमय कर दिया। आज से ग्रीष्म काल की 6 माह भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना धाम में होगी। इस अवसर पर सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा के दर्शन किए उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की भगवान केदारनाथ की दर्शनों के लिए आए इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैलारानी रावत मौजूद रही। केदारनाथ धाम के कपाट आज मंगलवार को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाटोद्घाटन के शुभ अवसर पर केदारनाथ मंदिर को 35 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। करीब आठ हजार श्रद्धालु कपाटोद्घाटन की पावन बेला के साक्षी बने। सुबह पांच बजे से ही कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान होकर रावल निवास से मंदिर परिसर में पहुंची। यहां रावल ने भक्तों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद रावल एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में प्रशासन की ओर से मंदिर के कपाट खोले गए। कपाट खुलते ही धाम महादेव के जयकारों से गूंज उठा। इसके बाद मुख्य पुजारी शिवलिंग ने गर्भ गृह में भगवान केदारनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद ग्रीष्मकाल के लिए केदारनाथ के दर्शन शुरू हो गए।
आईटीबीपी के हवाले केदारनाथ धाम की सुरक्षा
जानकारी के मुताबिक केदारनाथ धाम की सुरक्षा आइटीबीपी के हवाले की गई है। कपाट बंद होने के दौरान आइटीबीपी की टीम केदारनाथ धाम में लगातार बनी रही। आइटीबीपी के डीजी मनीष दयाल भी कपाट खुलने के मौके पर दर्शन करने पहुंचे। इस दौरान आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल ने ज़ी मीडिया से खास बात करते हुए कहा कि आईटीबीपी देश में ऊंचे बॉर्डर पर तैनात है। इस बार मंदिर की सुरक्षा पहली बार आईटीबीपी को दी गई है। इसे बखूबी निभाया गया।