उत्तरकाशी
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि और शुभ मुहूर्त घोषित
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि और शुभ मुहूर्त घोषित
सीएन, उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि और शुभ मुहूर्त पुरोहित समाज की बैठक में घोषित कर दी गई है। इस बार यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर दस मई को 10 बजकर 29 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र पर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। पुरोहित समाज की होने वाली बैठक में बताया मां यमुना के पुजारी मनमोहन उनियाल और पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि इससे पहले मां यमुना की डोली खरशाली गांव में सुबह छह बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। यमुना के भाई शनिदेव महाराज भी अपनी बहन को विदा करने के लिए यमुनोत्री धाम साथ में जाएंगे।बता दें केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को सुबह 7 बजे खोले जायेंगे। वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 6 बजे और गंगोत्री धाम के कपाट 10 मई 12.25 पर खोले जाएंगे। प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार भी यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य रहेगा।
खरसाली में है अत्यंत प्राचीन मंदिर
पुराणों में यमुना को सूर्यतनया कहा गया है। सूर्यतनया का शाब्दिक अर्थ है सूर्य की पुत्री। सूर्य की छाया और संज्ञा नामक दो पत्नियों से यमुना, यम, शनिदेव तथा वैवस्वत मनु प्रकट हुए। इस प्रकार यमुना यमराज और शनिदेव की बहन हैं। भ्रातृ द्वितीया भैया दूज यानी भाई दूज पर यमुना के दर्शन और मथुरा में स्नान करने का विशेष महात्म्य है। यमुना सर्वप्रथम जल रूप से कलिंद पर्वत पर आयीं, इसलिए इनका एक नाम कालिंदी भी है। सप्तऋषि कुंड, सप्त सरोवर कलिंद पर्वत के ऊपर ही अवस्थित हैं। यमुनोत्री धाम सकल सिद्धियों को प्रदान करने वाला कहा गया है। पुराणों में उल्लेख है कि भगवान श्रीकृष्ण की आठ पटरानियों में एक प्रियतर पटरानी कालिंदी यमुना भी हैं। यमुना के भाई शनिदेव का अत्यंत प्राचीन मंदिर खरसाली में है।