राष्ट्रीय
गिरिडीह शहर में बेवकूफ व महा बेवकूफ के नाम से चल रहे हैं कई होटल
हर होटल में मजेदार और गुणवत्तापूर्ण कम दामों में खिलाया जाता है भोजन
सीएन, गिरिडीह। अगर किसी को बेवकूफ कह दिया जाए तो उसे कैसा लगेगा. यह बात बताने की जरूरत नहीं है कि वह आगे क्या करेगा. लेकिन झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला एक ऐसी जगह है जहां पर बेवकूफ एक ब्रांड है. इस शहर में बेवकूफ के नाम से कई होटल चल रहे हैं और सभी के नाम बड़े ही मजेदार हैं. मसलन- बेवकूफ, महा बेवकूफ, बेवकूफ नंबर वन और श्री बेवकूफ. इन होटलों के नाम जितने ही मजेदार और दिलचस्प हैं उतने ही मजेदार और गुणवत्तापूर्ण भोजन कम दामों में खिलाया जाता है. यहां पर मटन, मछली, अंडा से लेकर शाकाहारी भोजन तक उपलब्ध है. लेकिन इन बेवकूफ होटलों के सबसे फेमस खाना नॉनवेज है. ग्राहक अक्सर यहां पर नॉन वेज खाना पसंद करते हैं. आपको बता दें कि इन होटलों के अजीबोगरीब नाम की वजह से लोगों में यहां पर खाना खाने की दिलचस्पी पैदा होती है और लोग यहां पर शौक से आते हैं खाना खाने के लिए. जिले के बाहर से कोई भी लोग आते हैं तो लोग होटल बेवकूफ में उन्हें लेकर आते हैं और खाना खिलाते हैं और यहां के मजेदार किस्से सुनाते हैं. आपको बता दें कि होटल बेवकूफ नाम रखने के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है. सबसे पहला बेवकूफ होटल के संचालक बीरबल प्रसाद ने बताया कि लगभग 50 वर्षों से बेवकूफ होटल चल रहा है. एक बार कुछ लोग यहां पर आए हुए थे और खाना खाकर पैसा दिए बगैर चले गए, बाद में होटल संचालक को पता चला कि वे लोग हमें बेवकूफ बना कर चले गए तो उन्होंने खुन्नस में होटल का नाम ही बेवकूफ रख दिया. जिसके बाद यह होटल चल पड़ा. ग्राहक खाना खाने के लिए यहां पर टूट पड़ते हैं.बेवकूफ ब्रांड की इस पॉपुलैरिटी को देखते हुए और भी बेवकूफ नाम के होटल खोल दिए गए हैं. बेवकूफ नंबर वन, महा बेवकूफ, श्री बेवकूफ वगैरह.बेवकूफ होटल की कहानी करीब 50 साल पहले गिरिडीह के अंबेडकर चौक से शुरू होती है। उस वक्त गोपी राम नाम के एक शख्स यहां होटल चलाते थे। कई लोग उन्हें बेवकूफ बनाकर खाना खा लेते थे और चले जाते थे। यह सिलसिला चलता रहा। कई बार गोपी को अहसास होता कि वे ठगे जा रहे हैं। कुछ लोग इसका मजाक भी बनाते। गोपी राम के भतीजे प्रदीप राम बताते हैं एक दिन उनके चाचा ने होटल का नाम ही बेवकूफ रख दिया। लेकिन, क्वालिटी आज तक बरकरार है। होटल अपग्रेड हुआ लेकिन भोजन की गुणवत्ता हमेशा घर जैसी ही रही। बेवकूफ होटल में उमड़ रही ग्राहकों की भीड़ और यहां मिलनेवाले भोजन की तारीफ सुनकर शहर के कुछ अन्य लोगों ने इस नाम से मिलता जुलता होटल शुरू किया। गिरिडीह में बेवकूफ नाम से चार होटल संचालित हैं।बेवकूफ होटल, श्री बेवकूफ, महाबेवकूफ और बेवकूफ नंबर वन। सभी होटल में खाने का अलग ही स्वाद है। श्री बेवकूफ के मालिक ऋतिक भदानी कहते हैं उनके पिता ने 1992 में इस होटल की शुरुआत की थी। उनके यहां हर रोज वेज और नॉन वेज भोजन मिलता है। 1995 में खुले महाबेवकूफ होटल के संचालक ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि जब सभी बेवकूफ होटल वाले होशियार हो तब उन्होंने महाबेवकूफ होटल खोल दिया। बेवकूफ नंबर वन के शंभू साव का कहना है कि करीब 20 साल से वे होटल चला रहे हैं और दूसरे होटलों के तुलना में उनके यहां रेट काफी कम है।