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पर्यावरण

आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस : दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन

आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस : दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन
पहली बार 1973 मे मनाया गया था दिवस, इस आयोजन में भाग लेते हैं 143 से अधिक देश
चन्द्रेक बिष्ट, नैनीताल।
पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने हेतु हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) इस उत्सव में अहम भूमिका निभाता है। यूएनईपी पर्यावरण पर अधिक ध्यान कैसे और क्यों देना चाहिए, इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए निजी तौर पर भागीदारी और सामुदायिक सभाओं के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। संसाधनों का बढ़ता दोहन और प्रदूषण पर्यावरण के लिए सबसे बड़े खतरों में से कुछ हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि दुनिया भर के लोग इसके बारे में जानते हैं, यूएनईपी ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में घोषित किया है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है पहली बार 1973 मे मनाया गया था वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन किया गया था। इसी चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस का सुझाव भी दिया गया और इसके दो साल बाद, 5 जून 1973 से इसे मनाना भी शुरू कर दिया गया। 1987 में इसके केन्द्र को बदलते रहने का सुझाव सामने आया और उसके बाद से ही इसके आयोजन के लिए अलग अलग देशों को चुना जाता है। इसमें हर साल 143 से अधिक देश भाग लेते हैं और इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर बात करते हैं। पर्यावरण को सुधारने हेतु यह दिवस महत्वपूर्ण है जिसमें पूरा विश्व रास्ते में खड़ी चुनौतियों को हल करने का रास्ता निकालता हैं। लोगों में पर्यावरण जागरूकता को जगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित विश्व पर्यावरण दिवस दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है। इसका मुख्य उद्देश्य हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाना और दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों को देखना है।
पर्यावरण क्या है?
पर्यावरण शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के इनवोनियर शब्द से हुई है जिसका अर्थ होता है ‘पड़ोस’ या घिरा हुआ या घेरना। पर्यावरण बना है परि+आवरण, “परि” जो हमारे चारों ओर है”आवरण” जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है,अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए। पर्यावरणविदों के अनुसार ‘पर्यावरण’ की कुछ अन्य परिभाषाएं भी हैं। पर्यावरणविद अर्नेस्ट हैकल के अनुसार–पर्यावरण का तात्पर्य मनुष्य के चारों ओर पाई जाने वाली परिस्थितियों के उस समूह से है जो उसके जीवन और क्रियाओं पर प्रभाव डालती है। पर्यावरणविद एनास्टैसी के अनुसार–पर्यावरण प्रत्येक वह वस्तु है जो जीन्स के अतिरिक्त व्यक्ति को प्रभावित करती है। पर्यावरणविद बुडबर्थ के अनुसार–पर्यावरण शब्द का अभिप्राय उन सभी बाहरी शक्तियों औऱ तत्वों से है जो व्यक्ति को आजीवन प्रभावित करती है।
इस साल की थीम, कौन करेगा मेजबानी
विश्व पर्यावरण दिवस प्रत्येक वर्ष एक अलग देश द्वारा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष के लिए कोटे डी आइवर नीदरलैंड के साथ साझेदारी के साथ मेजबानी देश है। इस देश में सभी आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस साल पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान रखा गया है। जहां प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान के विषय में दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने तथा प्लास्टिक प्रदूषण के संकट से निपटने पर जोर दिया जायेगा, इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के थीम प्लास्टिक प्रदूषण पर आधारित होगी जो पूरी दुनिया का ध्यान प्लास्टिक प्रदूषण के संकट पर केंद्रित करेगी।
आइए अब जानते हैं हम कैसे मनाएं यह दिन-
प्रकृति से ही हम हैं, अत: इसके संरक्षण के लिए हमें वाहनों का प्रयोग कम से कम करके पैदल या साइकिल के अधिक उपयोग पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। प्रदूषण को जड़ से खत्म करने के लिए हमें कट रहे पेड़ों को संरक्षित करके उन्हें काटने से रोकना चाहिए तथा हर व्यक्ति को कम से दो-दो पौधे अवश्‍य लगाना चाहिए। हमें प्रकृति सहेजने के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए तालाब, वन, नदी, जंगल, पशु-पक्षी और पहाड़ों का संरक्षण करना चाहिए। ग्लोबल वार्मिग ओर जलवायु परिवर्तन के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाएं। कोशिश करें कि हम अपने जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य ही लगाएंगे। घर-घर में स्वच्छता अभियान बढ़ाएंगे, लेकिन पेड़-पौधों को कोई नुकसान नहीं होने देंगे। वृक्षों को कटने से बचाने के लिए हमें पेड़ों से प्राप्त होने वाले पेपर, लिफाफे आदि की रीसाइक्लिंग करके दोबारा उपयोग योग्य बनाना चाहिए। हमें अपने चारों ओर अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए तथा समय-समय पर उन्हें पानी, खाद देकर उनकी देखभाल करनी चाहिए। रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक आदि का प्रयोग कम करते हुए घरेलू तरीके से बनी खाद का उपयोग बढ़ाना चाहिए तथा मिट्‍टी, जल और वायु को दूषित होने से बचाना चाहिए। हमें पानी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। हमें प्लास्टिक की थैलियों पर निर्भर न रहते हुए पुराने कपड़े से बने झोले या थैलियों का उपयोग बढ़ाकर पर्यावरण के संरक्षण में हमारा योगदान देना चाहिए। इसके अलावा घर के सभी सदस्यों (बच्चे, बूढ़े या जवान) को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए कूड़े-कचरे को निर्धारित जगह पर फेंकने तथा पौधों का संरक्षण करने की सीख देंगे। 

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