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पर्यावरण

आइए पेड़ लगाएं, धरती को सुंदर बनाएं, निःशुल्क भेंट किए जाएंगे 30 हजार फलों के पेड़ : डा. आशुतोष

आइए पेड़ लगाएं, धरती को सुंदर बनाएं, निःशुल्क भेंट किए जाएंगे 30 हजार फलों के पेड़ : डा. आशुतोष

सीएन, हल्द्वानी। पिछले वर्षों की तरह इस साल भी फलों के पौधे निःशुल्क भेंट किए जाएंगे बल्कि इस वर्ष से लक्ष्य भी बढ़ाने की योजना है। अभी तक प्रतिवर्ष 20 हजार पौधों का लक्ष्य था अब मांग के अनुसार 25 या 30 हजार तक की योजना है। मैदानी क्षेत्रों के लिए आम,अमरूद, कटहल , नींबू, करौंदा, सहजन के साथ साथ इस बार पहाड़ी क्षेत्रों के लिए तेजपत्ता, रीठा और च्यूरा ( बटर प्लांट ) के पौधे भी मंगाए जाने हैं। शहरी क्षेत्र में लोगों के पास जमीन कम होती है और पिछले वर्षों में उनके द्वारा की गई मांग के अनुसार अशोक, बॉटल पाम, मोरपंखी, बॉटल ब्रश, टिकोमा, अल्स्टोनिया के पौधे भी उपलब्ध रहेंगे। वर्ष 1988 से मैं ( डॉ आशुतोष पन्त ) अपने स्वयं के संसाधनों से पौधे खरीद कर इच्छुक लोगों को सप्रेम भेंट करता हूं। इसके लिए मैंने कभी किसी व्यक्ति, सरकार या संस्था से कोई आर्थिक सहयोग नहीं लिया है। जब तक ईश्वर की कृपा है मेरा प्रयास जारी रहेगा। इस काम में कई समाजसेवी और पर्यावरणप्रेमी मुझे अपना अमूल्य समय देकर सहयोग करते रहे हैं। आज के दौर में समाज के लिए अपना समय देना बहुत बड़ा योगदान है। मैं अपने सभी शुभचिंतकों और सहयोगियों का हृदय से आभारी हूं। जो पर्यावरणप्रेमी अपने क्षेत्र में निःशुल्क पौध भेंट कार्यक्रम रखवाना चाहते हैं उनसे अनुरोध है मुझे 20 जुलाई तक पौधों की अनुमानित संख्या और प्रकार बताने का कष्ट करें ताकि उसी हिसाब से पौधे मंगाए जा सकें। पौधों की सूची मैने ऊपर दी है। आपके क्षेत्र में इनमें से जो पेड़ होते हैं उनके बारे में योजना बनाएं। गांवों में पौधे भेंट करने का कार्यक्रम इस बार 1 अगस्त से प्रारंभ किया जाएगा। अभी पंचायत चुनाव होने हैं तो विवाद से बचने के लिए इस बार योजना देर से अगस्त और सितंबर में रखी है। लगाने के लिए हजारों पौधे उपलब्ध हैं पर मारने के लिए एक भी नहीं है। जो व्यक्ति, समूह या एनजीओ सड़क किनारे या पार्कों में पौधे लगाना चाहते हैं उनसे मैं विनम्रतापूर्वक क्षमा चाहता हूँ क्योंकि उन पौधों का बचना बहुत ही मुश्किल होता है। जो वास्तव में पर्यावरण और पौधों से प्रेम करते हैं वह अपने घर व खेत में लगाने के लिए मुझसे निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। धरती को हरा भरा करने में सहयोग देने वालों का मैं हृदय से आभारी रहूंगा। मुझसे मोबाइल नंबर 9412958988 पर वॉट्सएप या फोन करके संपर्क कर सकते हैं। मैं शासन द्वारा गठित कुछ समितियों में नामित सदस्य हूं तो बैठकों के दौरान और सामाजिक कार्यक्रमों के दौरान मुझे कभी कभी मोबाइल स्विच ऑफ व साइलेंट में रखना होता है। यदि मैं फोन नहीं उठा पाया तो कॉल बैक करूंगा।

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डॉ आशुतोष पन्त
पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी/पर्यावरण कार्यकर्ता, हल्द्वानी, उत्तराखंड।

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