पर्यावरण
22 अप्रैल के दिन मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस: पर्यावरण संरक्षण की तरफ ध्यान खींचना मकसद
 22 अप्रैल के दिन मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस: पर्यावरण संरक्षण की तरफ ध्यान खींचना मकसद
सीएन, नैनीताल। हर साल 22 अप्रैल के दिन विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इसे केवल पृथ्वी दिवस के नाम से भी जाना जाता है। पृथ्वी दिवस मनाने का मकसद पर्यावरण संरक्षण की तरफ सभी का ध्यान खींचना और यह कोशिश करना है कि सभी पृथ्वी को खुशहाल बनाए रखने में योगदान दें। यह हर पीढ़ी की जिम्मेदारी बनती है कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और खुशहाल पृथ्वी बनाए रखे। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देने पर्यावरण को सुरक्षित रखना, पर्यावरण संरक्षण में आने वाली चुनौतियों से लड़ना, लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के तरीके बताना, जनसंख्या वृद्धि पर नजर रखना, वनों की कटाई को रोकना, प्रदूषण कम करने की तरफ कदम बढ़ाना और पृथ्वी के हित में कार्य करने के लिए सभी को जागरूक करना ही इस दिन को मनाने का मकदस है। इस दिन का क्या इतिहास है और पर्यावरण संरक्षण की तरफ हम सभी अपने-अपने स्तर पर किस तरह योगदान दे सकते हैं। हर साल पृथ्वी दिवस मनाने के लिए खास थीम चुनी जाती है। इस साल पृथ्वी दिवस की थीम है. आवर पावर, आवर अर्थ। थीम को मनाने का मकसद लोगों, संगठनों और देशों की सरकार को क्षय होने वाले ऊर्जा स्त्रोतों को दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले स्रोतों में बदलना और एक टिकाऊ भविष्य की नींव रखने के लिए प्रेरित करना है। इस थीम के माध्यम से यह लक्ष्य निर्धारित करना है कि 2030 तक दुनियाभर में उत्पादित अक्षय ऊर्जा की मात्रा को तीन गुना करना है जिसमें भूतापीय, जलविद्युत, ज्वारीय, पवन और सौर ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों पर विशेष जोर दिया जाएगा। पहली बार दुनिया ने 22 अप्रैल, 1970 में पृथ्वी दिवस मनाया था। पृथ्वी दिवस को मनाने की शुरुआत का श्रेय अमेरिकी राजनेता और पर्यावरण एक्टिविस्ट सीनेटर जेलार्ड नेल्सन को जाता है। इसके बाद एक्टिविस्ट डेनिस हायेस भी जेलार्ड के साथ इस मुहिम में जुड़ गए। साल 1990 में पृथ्वी दिवस पर 141 राष्ट्रों के 20 करोड़ लोगों ने इस दिन को मनाया था और साल 1992 में ब्राजील में होने वाली यूनाइटेड नेशंस की एनवायरमेंट और डेवलपमेंट कॉन्फ्रेंस की नींव रखी थी। इसके बाद हर साल ही करोड़ों लोग पृथ्वी दिवस को मनाते हैं।
पृथ्वी दिवस मनाने का मकसद पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देना, प्रदूषण कम करना और ऊर्जा समेत संसाधनों की खपत को रोकना है। ऐसे में व्यक्ति अपने स्तर पर भी इस दिन को मनाने में योगदान दे सकता है। प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करें। रिसाइकिल करने पर जोर दें। जब बिजली की आवश्यकता ना हो तो लाइट और पंखे बंद कर दें। प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकल करें। कोशिश करें कि जो चीजें पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं उनका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए। पेड़-पौधे लगाएं और पर्यावरण को हरा बनाए रखें। प्रदूषण कम करें और नदी-नालों में गंदगी फेंकने के बजाय कूड़ेदान में ही फेंकें। जिन चीजों की जरूरत ना हो उन्हें ना खरीदें। इस ओवर कंजंप्शन के कारण ही पृथ्वी पर वेस्ट पदार्थों की मात्रा बढ़ती है पानी बचाने की कोशिश करें। जब जरूरत ना हो तो पानी को ना बहाएं। 
 









 
												



















 






 







 
									 
																							












