स्वास्थ्य
26 सितंबर विश्व गर्भनिरोधक दिवस : भारत व विदेशों की एक महत्वपूर्ण घटना
26 सितंबर विश्व गर्भनिरोधक दिवस: भारत व विदेशों की एक महत्वपूर्ण घटना
सीएन, नईदिल्ली। विश्व गर्भनिरोधक दिवस को हर साल 26 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी एक महत्वपूर्ण घटना है जिसके दौरान संगठन और सरकार समय.समय पर गर्भनिरोधक की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाते हैं। वर्ष 2007 में पहली बार विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया गया था। इस दिन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को यौन जागरूकता और गर्भनिरोधक के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2007 में 26 सितंबर को हुई थी। गर्भनिरोधक साधनों को अपनाकर महिला के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। इसके माध्यम से मातृ और शिशु मृत्यु दर को भी कम किया जा सकता है। एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसारए पश्चिम बंगाल और जम्मू कश्मीर में रहने वाली महिलाओं के बीच में पहले 95 प्रतिशत और 83 प्रतिशत महिलाओं को इस विषय में जागरूकता है। यह वर्ष 2007 की बात है जब दस अंतरराष्ट्रीय परिवार नियोजन संगठनों ने गर्भनिरोधक के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया था। 15 से अधिक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन, सरकारी संगठन और वैज्ञानिक चिकित्सा समाज यौन और प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान फैलाते हैं।1994 में जनसंख्या और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जब यह कहा गया कि सभी जोड़ों और लोगों को स्वतंत्र रूप से और जिम्मेदारी से अपने बच्चों की संख्या और अंतर को चुनने का अधिकार है। यह दिन महिलाओं और उनके माता.पिता दोनों के साथ.साथ स्वास्थ्य पेशेवरों पर केंद्रित है जो सही जानकारी फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। विश्व गर्भनिरोधक दिवस लोगों, विशेषकर युवाओं को यह समझाने के लिए मनाया जाता है कि गर्भनिरोधक यौन कल्याण और परिवार नियोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्भनिरोधक उपाय कई मायनों में फायदेमंद हो सकते हैं। इनमें से कुछ हैं अनचाहे गर्भ की रोकथाम और जनसंख्या नियंत्रण। संगठन नवविवाहित जोड़ों और युवाओं को गर्भनिरोधक के साधनों के बारे में शिक्षित करने के लिए कार्यक्रमों और कार्यक्रमों की योजना बनाते हैं।