अंतरराष्ट्रीय
चीन में फिर से कोरोना विस्फोट, एक्सपर्ट्स ने पूरी दुनिया के लिए जताई चिंता
चीन में फिर से कोरोना विस्फोट, एक्सपर्ट्स ने पूरी दुनिया के लिए जताई चिंता
अस्पताल पूरी तरह से कोरोना के मरीजों से भरे, श्मशान घाटों में लम्बी कतारें
सीएन, बीजिंग। कोरोना वायरस संक्रमण से इस वक्त देश उबर रहा है। लेकिन चीन से पूरी दुनिया के लिए डरावने वाली खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक कोविड -19 प्रतिबंधों में ढील के बाद चीन में कोरोनो वायरस मामलों में भारी वृद्धि हुई है। महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फीगल-डिंग ने बताया कि चीन में अस्पताल पूरी तरह से कोरोना के मरीजों की वजह से भर गए हैं। महामारी विज्ञानी का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60 प्रतिशत से अधिक और पृथ्वी की 10 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने की संभावना है। साथ ही अगले 9 महीनों के दौरान इस महामारी से लाखों लोगों की मौत भी हो सकती है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक कोविड -19 रोगियों की वजह से बीजिंग का नामित श्मशान शवों से भर गया है।फीग्ल-डिंग के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने बढ़ते मरीजों की वजह से कह दिया है कि “जो भी संक्रमित हो रहे हैं उन्हें संक्रमित होने दें, जो मर रहे हैं,उन्हें मरने दें। जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने 19 और 23 नवंबर के बीच चार मौतों की घोषणा के बाद से चीन ने बीजिंग में कोई कोविड -19 मौत की सूचना नहीं दी है। वहीं, डब्ल्यूएसजे चीनी राजधानी के पूर्वी छोर पर स्थित बीजिंग डोंगजियाओ श्मशान घाट में काम करने वाले लोगों के हवाले से दावा किया है देश में पिछले कुछ दिनों में दाह संस्कार और अन्य अंत्येष्टि सेवाओं के अनुरोधों में उछाल आया है। शुक्रवार को श्मशान घाट पर फोन पर बात करने वाली एक महिला ने कहा, “कोविड के फिर से आने के बाद से काम का बोझ बढ़ गया है।” महिला ने कहा कि डोंगजियाओ शवदाह गृह, जो बीजिंग नगरपालिका द्वारा संचालित है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग द्वारा कोविड-पॉजिटिव मामलों को संभालने के लिए नामित किया गया है, को इतने सारे शव मिल रहे थे कि यह पूर्व-भोर और आधी रात में दाह संस्कार करना पड़ रहा है। उसने अनुमान लगाया कि श्मशान में हर दिन लगभग 200 शव आते हैं। महिला ने यह भी कहा है कि बढ़ते मामलों की वजह से कई मरीज भी संक्रमित हो गए हैं। इधर, महामारी विशेषज्ञों की मानें तो बीजिंग में दाह संस्कार नॉन-स्टॉप रूप से हो रहा है। मुर्दाघर ओवरलोडेड हैं। यही वजह है कि प्रशीतित कंटेनरों की जरूरत पड़ रही है। इस समय चीन का हाल 2022 जैसा हो गया है।