Connect with us

स्वास्थ्य

उत्तराखंड आयुर्वेद विवि प्रशासन की लापरवाही से परीक्षा और परीक्षा परिणाम घोषित करवाने में हो रहा अत्यधिक विलंब, रोष

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से परीक्षा और परीक्षा परिणाम घोषित करवाने में हो रहा अत्यधिक विलंब
सीएन, काशीपुर।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत आयुष छात्रों की निर्धारित समय पर परीक्षा न होने और परीक्षा परिणाम देर से घोषित होने के कारण छात्रों के भविष्य पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं और तो और जो छात्र.छात्राएं पास होकर अपने संबद्ध कॉलेजों से निकल चुके हैं उनका वेरिफिकेशन भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है इसके लिए छात्रों ने विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार राम जी शरण पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीते दिनों आयुर्वेद विश्वविद्यालय हर्रावाला के रजिस्ट्रार कार्यालय में जमकर हंगामा भी काटा था, राज्य के एकमात्र चंदोला होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अजय विश्वकर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर कुलपति को छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर करते हुए किस प्रकार का पत्र लिखकर छात्रों के भविष्य के प्रति चिंता जाहिर की है। उन्होने सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 के छात्रों.छात्राओं द्वारा अपनी तृतीय वर्ष की परीक्षाएं अप्रैल 2024 को दे दी थीं, किन्तु अद्यतन तिथि तक उत्तराखंड आयुर्वेद   विश्वविद्यालय द्वारा परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं जिसके सम्बन्ध में आपको राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के पत्रांक द्वारा भी निर्देशित किया जा चुका है कि परीक्षाओं से सम्बंधित सम्पूर्ण कार्य विश्वविधालय के अंतर्गत आता है। परीक्षा परिणाम की घोषणा में हो रहे अत्यधिक विलंब के कारण छात्रों के भविष्य पर अंधकार छा गया है। वह अपनी आगे की शिक्षा और करियर योजनाओं को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में हैं। परीक्षा परिणाम की घोषणा में हो रहे अत्यधिक विलंब के बाद भी परिणाम घोषित न होना, विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है तथा साथ ही साथ संस्थान की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करता है। शैक्षणिक सत्र 2018-19 के चतुर्थ बीएएमएस परीक्षा में कुल 44 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए थे। विश्वविद्यालय द्वारा घोषित 22 दिसंबर 2024 एवं 7 जनवरी 2025 के परीक्षा परिणामों में केवल 42 छात्र.छात्राओं का ही परीक्षाफल संस्थान को प्राप्त हुआ है। शेष 02 छात्र.छात्राओं का परीक्षा परिणाम अद्यतन तिथि तक अप्राप्त है। उक्त शेष 02 छात्र.छात्राओं के परीक्षा परिणाम को भी यथाशीघ्र घोषित करने की कृपा करेंगे, ताकि इन छात्रों का शैक्षणिक भविष्य सुनिश्चित हो सके। क्षेणिक सत्र 2022-23 की प्रथम बीएएमएस की कक्षाओं का संचालन 03 अप्रैल 2023 को हुआ था तथा नियमानुसार 18 माह के पश्चात दिनाँक 03 अक्टूबर 2024 को पूर्ण हो चुका है, एवं शैक्षणिक सत्र 2021.22 का परीक्षा फल 07 जुलाई 2023 को घोषित हुआ था द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा भी अपने निर्धारित समय से लगभग 24 माह से विलम्ब हो चुकी है। राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग, नई दिल्ली के नियमानुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 के 18 माह के अंतर्गत छात्रों की परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम घोषित होना था तथा शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दितीय बीएचएमएस का भी 12 माह के अंतर्गत परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम घोषित होना था किन्तु अद्यतन तिथि तक परीक्षा से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी विश्वविद्यालय द्वारा संस्थान को प्राप्त नहीं हुई है। यह भी छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के लिए चिंता का विषय है और विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था में व्याप्त अत्यधिक विलम्भ को दर्शाता है, जिसका गंभीर दुष्प्रभाव संस्थान के विभिन्न शैक्षणिक सत्र के छात्र.छात्राओं पर भी पड़ रहा है। संस्थान के इंटर्नशिप पूर्ण कर चुके छात्रों के विवरण को भी विश्वविद्यालय द्वारा आयुष पोर्टल, पर सत्यापित नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में आवश्यक जानकारी संस्थान द्वारा जनवरी एवं मार्च माह में ही प्रेषित की जा चुकी है। तथापि इस अति महत्वपूर्ण कार्य में भी विलंब किया जा रहा है, जो संस्थान के इंटर्नशिप पूर्ण छात्रों के भविष्य के लिए एक गंभीर समस्या उत्पन्न कर रहा है। यह संज्ञान लेना अति आवश्यक है कि राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम 2020 के अंतर्गत इंटर्नशिप पूर्ण होने के पश्चात ही इन छात्रों की उपाधि विधिवत रूप से मान्य होती है, जिसके उपरांत ही संबंधित छात्र अपने-अपने राज्यों के चिकित्सा बोर्ड एवं परिषदों में स्थायी पंजीकरण कराकर अपनी चिकित्सा में प्रतिभाग लेने तथा विभिन्न होम्योपैथी चिकित्सा से संबंधित पदों की भर्ती हेतु अथवा उच्चतर शिक्षा एमडी में प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्र होते हैं किन्तु विश्वविद्यालय द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से न लेने के कारण छात्रों की भविष्य की योजनाओं पर एक गहरा संकट मंडरा रहा है जिसका उत्तरदायी पूर्ण रूप से विश्वविधालय ही है। विभिन्न राज्यों के चिकित्सा बोडौं एवं परिषद से प्राप्त सत्यापन अनुरोधों को भी विश्वविद्यालय द्वारा सत्यापित नहीं किया जा रहा है। यह स्थिति तब है, जबकि संबंधित छात्र.छात्राओं को विश्वविद्यालय द्वारा विधिवत रूप से उपाधियाँ प्रदान की जा चुकी हैं। इस निष्क्रियता के कारण, विभिन्न सत्रों के छात्र.छात्राओं को अपने.अपने राज्यों के चिकित्सा बोर्डों एवं परिषदों में स्थायी पंजीकरण करवाने में बाधा उत्पन्न हो रही है। इस पर तत्काल ध्यान देते हुए आवश्यक सत्यापन प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान करने की कृपा करेंगे ताकि इन छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके। उक्त के सम्बन्ध में संस्थान द्वारा पूर्व में कई बार ईमेल व मौखिक रूप से भी विश्वविधालय के सम्बंधित अधिकारी, पटल को भी अवगत कराया गया है, परंतु खेद का विषय है कि विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी संतोषजनक कार्यवाही या उत्तर उपलब्ध नहीं कराया गया है। संस्थान प्रशासन व्यथित होकर यह उल्लेख करने के लिए बाध्य हैं कि यदि इन गंभीर शैक्षणिक सत्र से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के पूर्ण ना होने के कारण संस्थान के किसी भी छात्र.छात्राओं द्वारा भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना संभावित होती है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रशासन, संबंधित अधिकारी सम्बंधित पटल की होगी। उपरोक्त सभी विभिन्न सत्रों के महत्वपूर्ण विषयों को तत्काल संज्ञान लेने की अति कृपा करेंगे तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 व 2018.-19 शेष छात्र-छात्राओं के लंबित परीक्षा परिणाम को अविलंब घोषित करने तथा अन्य शैक्षणिक सत्र की अविलंभ परीक्षा करवाने की अति कृपा करेंगे ताकि संस्थान के छात्र.छात्राओं के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय से त्वरित और सकारात्मक कार्रवाई की अपेक्षा की जाती हैं। बहरहाल इस पूरे मामले को लेकर अब आयुष छात्र और निजी आयुष कॉलेज प्रबंधन हाई कोर्ट की शरण में है और अब देखना यह है कि हाई कोर्ट इस पूरे मामले में क्या निर्णय देता है।

More in स्वास्थ्य

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING