स्वास्थ्य
उपकरण लग गए, लेकिन सुविधा कहां है, अल्मोड़ा में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े जमीनी व गंभीर सवाल
सीएन, अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा नगर के सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश चंद्र पंत से उनके कार्यालय में भेंट कर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े जमीनी और गंभीर सवाल उठाए। मुख्य रूप से बेस चिकित्सालय, अल्मोड़ा में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट एवं बूस्टर उपकरण की पूर्ण उपयोगिता और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कर्मियों के तीन माह से लंबित वेतन जैसे अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। जब बेस अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट चालू है, और मेरे प्रयासों से ही रिफिलिंग हेतु बूस्टर उपकरण भी स्थापित किया गया है, तो आज भी मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए हल्द्वानी क्यों भेजा जा रहा है? क्या इस जिले का जनसामान्य इस बुनियादी सुविधा का हकदार नहीं। यह उपकरण सिर्फ स्थापित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसी उद्देश्य से संचालित भी होना चाहिए जिसके लिए इसे लगाया गया यानी स्थानीय स्तर पर 24×7 न्यूनतम सरकारी दरों पर ऑक्सीजन रिफिलिंग। अगर यह नहीं हो रहा है, तो यह सिर्फ एक अधूरा वादा बनकर रह जाएगा। पाण्डे ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कर्मियों के बारे में भी चिंता जताते हुए कहा तीन माह से वेतन न मिलना न केवल प्रशासनिक विफलता है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं का सीधा अपमान है। जो लोग मरीजों की सेवा में दिन-रात खड़े हैं, उन्हें ही जब जीवन यापन के लिए संघर्ष करना पड़े तो यह कैसी स्वास्थ्य नीति है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश चंद्र पंत ने आश्वस्त किया कि एनएचएम वेतन भुगतान में देरी के संबंध में आउटसोर्सिंग एजेंसी को नोटिस भेजा गया है, और इस मुद्दे के शीघ्र समाधान हेतु उच्चाधिकारियों से संवाद जारी है।
