स्वास्थ्य
आज 18 नवंबर प्राकृतिक चिकित्सा दिवस: औषधि रहित स्वास्थ्य को बढ़ावा देना उद्देश्य
आज 18 नवंबर प्राकृतिक चिकित्सा दिवस: औषधि रहित स्वास्थ्य को बढ़ावा देना उद्देश्य
सीएन, नैनीताल। भारत में हर साल 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। औषधि रहित चिकित्सा पद्धति के माध्यम से सकारात्मक मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, जिसे प्राकृतिक चिकित्सा कहा जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भोजन ही केवल चिकित्सा है पर बल देना है। इस दिन लोगों को प्राकृतिक उपचार एवं खान.पान के विषय में जानकारी प्राप्त होगी। आयुष मंत्रालय आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी भारत सरकार द्वारा 18 नवंबर 2018 को यह दिवस घोषित किया गया था। 1945 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ऑल इंडिया नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट के आजीवन अध्यक्ष बने थे और सभी वर्गों के लोगों को नेचर क्योर के लाभ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विलेख पर हस्ताक्षर किए थे। प्राकृतिक चिकित्सा में विभिन्न विधियां आहार चिकित्सा, उपवास चिकित्सा, मिट्टी चिकित्सा, जल चिकित्सा, मालिश चिकित्सा, सूर्य किरण चिकित्सा, वायु चिकित्सा, क्षेत्रीय वनौषधियां का बिना दुष्प्रभाव प्रयोग होता है। इसमें मुख्य उपचार मिट्टी की पट्टी, मिट्टी का स्नान, सूर्य स्नान, गर्म और ठंडा सेक, कटी स्नान, मेहन स्नान, पैर.हाथ का गर्म सेंक, वाष्प स्नान, पूर्ण टब स्नान, रीढ़ स्नान सर्वांग गीली चादर लपेट, छाती की पट्टी, व घुटने की पट्टी, एनिमा, जलनेती, वमन, माथे की पट्टी, पेट की पट्टी रोगानुसार मालिश की क्रियाएं की जाती है।