स्वास्थ्य
आज 8 मई को है विश्व थैलेसीमिया दिवस : क्या है इस दिवस का अहम् उद्देश्य
आज 8 मई को है विश्व थैलेसीमिया दिवस : क्या है इस दिवस का अहम् उद्देश्य
सीएन, नईदिल्ली। विश्व थैलेसीमिया दिवस वर्ष में एक बार मनाया जाता है जो 8 मई को पड़ता है। इस दिन लोग थैलेसीमिया रोग से जुड़ी जागरूकता फैलाने के लिए एक साथ आते हैं। थैलेसीमिया एक अनुवंशिक रोग है जो खून में हेमोग्लोबिन निर्माण करने वाले रक्त कोशिकाओं में एक विशेष प्रोटीन के अभाव के कारण होता है। थैलेसीमिया आनुवंशिक रक्त विकार है जिसमे असामान्य हीमोग्लोबिन उत्पादन होता है। थैलेसीमिया के दो प्रमुख प्रकार हैं. अल्फा थैलेसीमिया और बीटा थैलेसीमिया। थैलेसीमिया रोगियों का 3.7 प्रतिशत से अधिक भारत में है। सभी राज्यों में से, पश्चिम बंगाल थैलेसीमिया से सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। यह रोग आमतौर पर मध्य एशियाई, अफ्रीकी और मध्य पूर्वी जातियों में अधिक होता है। थैलेसीमिया रोगी के लिए इलाज उपलब्ध हैं, लेकिन अधिकतर देशों में इसकी जागरूकता कम होने के कारण इसके उपचार नहीं होते हैं। विश्व थैलेसीमिया दिवस के माध्यम से इस रोग से जुड़ी जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है ताकि इस रोग के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़े और इसका उपचार समय पर किया जाए। थैलेसीमिया रोगी को अपने खून का टेस्ट करवाने की आवश्यकता होती है ताकि उसकी स्थिति का पता चल सके। इस रोग के दो प्रकार होते हैं. थैलेसेमिया माइनर और थैलेसेमिया मेजर। थैलेसेमिया माइनर अधिकतर मामलों में लोगों के खून में होता है जो उन्हें अपने जीवन भर कोई भी समस्या नहीं देता है। लेकिन थैलेसेमिया मेजर गंभीर समस्या होता है जो लोगों के शारीरिक विकार के साथ-साथ उनकी उम्र और जीवन दोनों को कम कर देता है। थैलेसेमिया रोग से बचाव के लिए अंतर्जातिय स्तर पर कई पहल की जा रही हैं। अधिकतम देशों में नवजात शिशुओं का टेस्ट करवाना अनिवार्य हो गया है ताकि उन्हें समय पर उपचार दिया जा सके। इसके अलावा अधिकतर देशों में इस रोग से जुड़ी जागरूकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। विश्व थैलेसीमिया दिवस के माध्यम से इस रोग से जुड़ी जागरूकता का संदेश लोगों तक पहुँचाया जाता है इस दिन विशेष संगठनों द्वारा विभिन्न अभियान और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जो लोगों को इस बीमारी से जुड़ी जानकारी देने में मदद करते हैं। विश्व थैलेसीमिया दिवस के माध्यम से यह संदेश भी दिया जाता है कि थैलेसेमिया से पीड़ित लोगों के साथ सहयोग करें और उनका साथ दें। इस रोग से पीड़ित लोगों को समय पर उपचार मिलता हो तो उनकी उम्र बढ़ जाने में मदद मिल सकती है और इस बीमारी से जुड़ी जानकारी और जागरूकता देकर इसके फैलाव को कम किया जा सकता है। थैलेसीमिया एक जन्मजात रोग होता है जो ज्यादातर अफ्रीकी, मध्य पूर्वी, मध्य और दक्षिण एशियाई और अमेरिकी आबादी में पाया जाता है। इस रोग में रक्त में हीमोग्लोबिन निर्मित नहीं होता है, जो रक्त को ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए आवश्यक होता है। इससे लोगों में अधिकतर थकान, सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेट की बीमारियां होती हैं। थैलेसीमिया के इलाज के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन और विशेष दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इन उपचारों के कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं और इस बीमारी का पूर्ण समाधान अभी तक मौजूद नहीं है। इसलिए थैलेसीमिया से बचाव के लिए जन्म पूर्व जांच और संज्ञानात्मक जागरूकता के माध्यम से इसके फैलाव को रोका जा सकता है। हमें इस बीमारी से जुड़ी संचार विधियों के बारे में जागरूक होना चाहिए, जैसे कि एक संभव लड़के या लड़की के लिए बचपन में जन्मजात स्क्रीनिंग टेस्ट की आवश्यकता होती है। इस दिन के माध्यम से इस बीमारी के प्रति लोगों के जागरूक होने से उन्हें अपनी स्वस्थ जिंदगी बिताने के लिए एक संभव तरीका मिलता है। विश्व थैलेसीमिया दिवस का उद्देश्य संचार विधियों के माध्यम से लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है। इसके साथ ही, इस दिन को शोध और विकास के लिए भी समर्पित किया जाता है ताकि अधिक संभवतः उपचार उपलब्ध हो सकें। थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों के लिए यह दिन एक महत्वपूर्ण अवसर है जब वे अपनी बातें सुना सकते हैं और अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं। इस दिन का उद्देश्य यह भी होता है कि थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को अधिक समर्थन और संबंधित सेवाओं के बारे में जागरूक किया जाए।
इस दिन का महत्वपूर्ण अंग भी यह है कि इस बीमारी से जुड़ी जानकारी को साझा करने के माध्यम से सामाजिक विशेषज्ञों, रोग विशेषज्ञों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, राजनीतिक नेताओं और लोगों को इस बीमारी से जुड़ी जानकारी मिलती है। इस दिन को मनाकर हम एक सकारात्मक संदेश भी भेजते हैं कि हमें इस बीमारी से लड़ना चाहिए और इससे बचाव के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। इस दिन को याद रखने के लिए हमें अपने सामाजिक मीडिया अकाउंट पर थैलेसीमिया से जुड़ी संदेश शेयर करना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए कि इस बीमारी से जुड़ी सही जानकारी लेना कितना महत्वपूर्ण है। इस दिन को मनाकर हम एक सकारात्मक संदेश भेजते हैं कि हमें इस बीमारी से लड़ना चाहिए और इससे बचाव के लिए उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।