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चारधाम यात्रा मार्ग पर हार्ट अटैक से दो और तीर्थ यात्रियों की मौत

यमुनोत्री पैदल मार्ग और केदारनाथ धाम यात्रा में हो चुकी सबसे ज्यादा मौतें
सीएन, ऋषिकेश।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की मौत का सिलसिला जारी है। चारधाम यात्रा कर लौट रहे दो तीर्थयात्रियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। जिनके शवों को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। चारधाम यात्रा में अब तक हृदय गति रुकने से मरने वालों की संख्या 46 हो गई है। जानकारी के अनुसार बंगाल के ग्राम चक गोपाल पोस्ट आलम ‌‌चक‌बेल्डा प्रताशपुर पूर्वी मेदनीपुर बंगाल निवासी डा. नीमयी पात्रा (45 वर्ष) पुत्री गणेश चंद पात्रा अपने परिवार के साथ चारधाम यात्रा कर लौट रहे थे। पांडुकेश्वर जिला चमोली में बुधवार की देर शाम को उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें देर रात राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं मध्य प्रदेश के बलदेव बाग जबलपुर निवासी गोकुल प्रसाद चौबे (65 वर्ष) पुत्र जगमोहन प्रसाद चौबे भी अपने परिवार के साथ चारधाम की यात्रा कर लौट रहे थे। मुनिकीरेती थाना अंतर्गत तपोवन क्षेत्र में गुरुवार की सुबह तबीयत खराब होने पर उन्हें भी उनके पुत्र आशीष चौबे राजकीय चिकित्सालय लाए। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। दोनों के शव को चिकित्सालय प्रशासन ने मोर्चरी में रखवा दिए हैं। इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है। केदारनाथ धाम में बुधवार को हृदय गति रुकने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। वहीं ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर देवप्रयाग(टिहरी) में बाइक सड़क पर रपटने से एक युवक की खाई में गिरकर मौत हो गई। युवक केदारनाथ से दर्शन के बाद हरियाणा वापस जा रहा था। दूसरी ओर यमुनोत्री पैदल मार्ग पर पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि करीब 20 यात्रियों की जान बाल-बाल बची। आंकड़ों पर गौर करें तो 30 से 40 साल उम्र के 3 श्रद्धालुओं की जान गई है। इसी तरह 40 से अधिक और 50 तक की उम्र वाले 5 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है। 50 से 60 साल तक की उम्र वाले 9 श्रद्धालुओं की जान गई है। जबकि 76 साल तक के 14 मरीजों की जान गई है। सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री पैदल मार्ग और केदारनाथ में हो चुकी हैं।
चार धाम यात्रा में जाने से पहले चैक करा ले स्वास्थ्य
भारत में कई सारे तीर्थ स्थल हैं जो दुर्गम पहाड़ियों पर स्थित हैं। इन तीर्थ स्थलों पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। इन तीर्थ यात्रियों में उम्रदराज लोगों के साथ ही युवा और बच्चे तक होते हैं। इन दिनों लोग उत्तराखंड के चार धाम की यात्रा पर जा रहे हैं। उत्तराखंड में स्थित चार धाम यात्रा पर जाने वालों को मंदिर दर्शन के लिए ऊंची पहाड़ी पर चढ़ाई करनी पड़ती है। वहां का रास्ता काफी हाइट पर होने के साथ ही पथरीला और उबड़ खाबड़ है। वैसे तो यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सुविधा भी मिलती है। लेकिन अधिकतर यात्री पैदल यात्रा करते हैं। कई किलोमीटर पैदल पहाड़ी की चढ़ाई करना इतना मुश्किल हो जाता है कि पिछले दिनों चार धाम यात्रा के दौरान कई पर्यटकों की मौत हो गई। यात्रियों की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ना था। सवाल ये है कि किस वजह के यात्रियों को चार धाम यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ सकता है? हार्ट अटैक क्यों आता है और इसके लक्षण क्या है? अगर आप भी चार धाम यात्रा पर या किसी ऊंची पहाड़ी पर स्थित तीर्थ स्थल पर जाने वाले हैं तो विशेषज्ञ से जान लें तीर्थ स्थल पर जाने से पहले किस तरह के हेल्थ चेकअप कराने चाहिए। चार धाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी क्या सावधानी बरतनी चाहिए। डाॅ अमित पेंढारकर, कार्डियोलॉजिस्ट, आकाश हेल्थकेयर हॉस्पिटल, नई दिल्ली

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