नैनीताल
फर्जी कागजात दाखिल करने पर खण्डपीठ सख्त, याची पर लगाया 25 हजार का जुर्माना, रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश
सीएन, नैनीताल। हाईकोर्ट ने नैनीताल के मल्लीताल राजमहल होटल कम्पाउंड में नदीम अंसारी व अन्य द्वारा ग्रीन बेल्ट में बनाये गए बहुमंजिला भवन को ध्वस्त करने के एकलपीठ के आदेश को सही ठहराते हुए एकलपीठ के आदेश को चुनौती देती स्पेशल अपील खारिज कर दी है। इस अपील में याचिकाकर्ता द्वारा फर्जी कागजात दाखिल करने पर खण्डपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुये याची पर 25 हजार का जुर्माना लगाते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को आरोपी के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार राजमहल कम्पाउंड नैनीताल में रईस अंसारी व उसके पुत्र नदीम अंसारी व अन्य ने अवैध रूप से बहुमंजिला भवन बनाया है। जिसे प्राधिकरण द्वारा जुलाई 2022 में ध्वस्त किया जा रहा था। जिसके खिलाफ नदीम अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। तब कुछ दिन के लिये हाईकोर्ट ने ध्वस्तीकरण की प्राधिकरण की कार्यवाही पर लगी रोक लगा दी थी। किन्तु 24 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट ने यह रोक हटा दी थी। तब नदीम अंसारी ने इस भवन को स्वयं तोड़ने के लिये तीन माह का समय मांगा था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए कहा कि तीन माह के भीतर स्वयं न तोड़ने पर इस भवन का प्राधिकरण ध्वस्तीकरण करेगा। एकलपीठ के इस आदेश को नदीम अंसारी व अन्य ने स्पेशल अपील के जरिये खण्डपीठ में चुनौती दी। स्पेशल अपील में याचिकाकर्ता ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जिला विकास प्राधिकरण नैनीताल से प्राप्त एक फर्जी सूचना भी संलग्न की जो राजमहल होटल कम्पाउंड के ग्रीन जोन से सम्बंधित थी। प्राधिकरण की ओर से जब कोर्ट को बताया गया कि सूचना अधिकार पर आधारित यह कागजात फर्जी है तो कोर्ट ने इस कागजात की प्राधिकरण के रिकार्ड से जांच कराई जो फर्जी पाया गया। जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट ने याची पर 25 हजार का जुर्माना लगाया और उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए।