Connect with us

विधि

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला पैतृक जमीन बेचना आसान नहीं, पैतृक संपत्ति वाले जान लें फैसला

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला पैतृक जमीन बेचना आसान नहीं, पैतृक संपत्ति वाले जान लें फैसला
सीएन, नईदिल्ली।
क्या आप अपनी पैतृक कृषि भूमि बेचना चाहते हैं, सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले में साफ हुआ कि परिवार के सदस्यों को पहले मौका देना जरूरी होगा। जानें इस फैसले का आपके अधिकारों पर क्या असर पड़ेगा और क्यों है यह निर्णय आपके लिए महत्वपूर्ण। कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर किसी हिन्दू उत्तराधिकारी को अपनी पैतृक कृषि भूमि बेचनी है, तो उसे पहले अपने परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता देनी होगी। यह फैसला न्यायमूर्ति यूयू ललित और एमआर शाह की पीठ द्वारा सुनाया गया जो हिमाचल प्रदेश के एक मामले पर आधारित है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि हिन्दू उत्तराधिकार कानून की धारा 22 के अंतर्गत पैतृक कृषि भूमि के मामलों में यह प्रावधान लागू होगा जिससे पारिवारिक संपत्ति परिवार में ही बनी रहे और बाहरी व्यक्ति इसमें शामिल न हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि हिन्दू उत्तराधिकारी अगर अपनी पैतृक कृषि भूमि को बेचना चाहता है, तो सबसे पहले उसे अपने घर के सदस्यों को ही इस भूमि को खरीदने का अधिकार देना होगा। किसी बाहरी व्यक्ति को संपत्ति बेचने से पहले, उसे परिवार के सदस्यों की प्राथमिकता का सम्मान करना होगा। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह है कि पारिवारिक संपत्ति परिवार के भीतर ही बनी रहे और किसी बाहरी व्यक्ति को इसमें शामिल होने का मौका न मिले। जस्टिस यूयू ललित और एमआर शाह की पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय धारा 4;2 के हटने के बावजूद भी वैध रहेगा क्योंकि धारा 4;2 मुख्य रूप से काश्तकारी के अधिकारों पर लागू होती थी। हिन्दू उत्तराधिकार कानून की धारा 22 के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु बिना वसीयत के होती है तो उसकी संपत्ति उसके उत्तराधिकारियों में बाँटी जाती है। अगर किसी उत्तराधिकारी को अपना हिस्सा बेचना है तो उसे पहले परिवार के अन्य उत्तराधिकारियों को प्राथमिकता देनी होगी। इससे परिवार की पैतृक संपत्ति परिवार में ही बनी रहेगी और बाहरी व्यक्ति इसमें हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा।
इस मामले में लाजपत नाम के व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी कृषि भूमि उसके दो बेटों, नाथू और संतोष में बाँटी गई। संतोष ने अपने हिस्से की भूमि एक बाहरी व्यक्ति को बेच दी। इस पर नाथू ने न्यायालय में याचिका दायर की जिसमें उसने धारा 22 का हवाला देते हुए अपने हिस्से पर प्राथमिकता का दावा किया। ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ने नाथू के पक्ष में फैसला सुनाया और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का उद्देश्य स्पष्ट है की पारिवारिक संपत्ति को परिवार में ही सुरक्षित रखना। इस फैसले से यह सुनिश्चित होता है कि पैतृक संपत्ति बाहरी व्यक्तियों के हस्तक्षेप से दूर रहेगी और यह परिवार के सदस्यों के पास ही रहेगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला काश्तकारी के अधिकारों से संबंधित धारा 4;2 के हटने के बाद भी लागू रहेगा। पैतृक कृषि भूमि के मामले में किसी बाहरी व्यक्ति को बेचने से पहले परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता देनी होगी। हिन्दू उत्तराधिकार कानून की धारा 22 पैतृक कृषि भूमि पर लागू होगी, जिससे परिवार में ही संपत्ति बनी रहे।  इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पारिवारिक संपत्ति पर परिवार के सदस्यों का ही अधिकार हो और बाहरी व्यक्ति इसमें हस्तक्षेप न कर सकें। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय ने पैतृक कृषि भूमि के मामले में परिवार के हित को सर्वोपरि माना है। इस फैसले से हिन्दू उत्तराधिकारियों के लिए यह स्पष्ट हो गया है कि पैतृक संपत्ति को बेचने से पहले परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता देना जरूरी है। इससे न केवल परिवार में पैतृक संपत्ति सुरक्षित रहेगी बल्कि बाहरी व्यक्तियों के हस्तक्षेप को भी रोका जा सकेगा।

More in विधि

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING