Connect with us

राष्ट्रीय

सीजेआई ने महाराष्ट्र की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल में चूक पर नाराजगी जताई  

सीजेआई ने महाराष्ट्र की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल में चूक पर नाराजगी जताई  
सीएन, नईदिल्ली।
भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने शीर्ष पद पर पदोन्नत होने के बाद महाराष्ट्र की अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल में चूक पर नाराजगी जताई है। महाराष्ट्र एवं गोवा बार काउंसिल द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में गवई ने राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक डीजीपी या नगर पुलिस आयुक्त द्वारा उनका स्वागत करने के लिए उपस्थित न होने की ओर इशारा किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभ समान हैं और उन्हें एक.दूसरे के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए। सीजेआई बीआर गवई ने कहा अगर राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी या मुंबई पुलिस कमिश्नर वहां नहीं आना चाहते हैं जब सीजेआई, जो महाराष्ट्र से हैं पहली बार वहां पहुंचे हैं। यह उन पर निर्भर है कि वे इस बारे में सोचें कि यह सही है या नहीं। उन्होंने कहा कि यह संस्था के अन्य अंगों द्वारा न्यायपालिका के प्रति सम्मान का प्रश्न है। उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रोटोकॉल के पालन पर जोर नहीं दे रहे हैं। गवई ने कहा जब किसी संस्था या संगठन का प्रमुख पहली बार राज्य में आ रहा हो। खासकर जब वह भी उसी राज्य का हो। तो उन्हें खुद सोचना चाहिए कि उनके साथ किया गया व्यवहार सही था या नहीं। 14 मई को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले बीआर गवई ने कहा कि हालांकि वह ऐसे छोटे मामलों में नहीं पड़ना चाहते। लेकिन उन्हें इसका उल्लेख करने की जरूरत महसूस हुई ताकि लोगों को इसके बारे में पता चले। बीआर गवई ने कहा यदि मेरी जगह कोई और होता तो अनुच्छेद 142 के प्रावधानों पर विचार किया जाता। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 142 सुप्रीम कोर्ट को उसके समक्ष लंबित किसी भी मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक समझे जाने वाले आदेश या डिक्री पारित करने की शक्ति प्रदान करता है। यह न्यायालय को व्यक्तियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आदेश देने की भी अनुमति देता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश जब देश के किसी भी शहर में जाते हैं तो उनके लिए एक विशेष प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। यह प्रोटोकॉल उनकी गरिमा, सुरक्षा और पद के सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए होता है। यह प्रोटोकॉल कोई नई बात नहीं है बल्कि यह संवैधानिक निकायों के बीच सम्मान और मर्यादा बनाए रखने का एक तरीका है। यह लोकतंत्र के तीनों स्तंभों न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के बीच परस्पर सम्मान को दर्शाता है। इसमें कोई चूक होती है तो इसे गंभीर माना जाता है और संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश को अक्सर दौरे वाले राज्य में स्थायी राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाता है। इसका मतलब है कि राज्य सरकार उनकी यात्रा के दौरान सभी आवश्यक सुविधाओं और सम्मान का ध्यान रखती है। सीजेआई के आगमन और प्रस्थान पर राज्य के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी जैसे मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और उस शहर के पुलिस आयुक्त या जिलाधिकारी को उनकी अगवानी और विदाई के लिए उपस्थित रहना होता है। यह संवैधानिक पद के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है। सीजेआई की सुरक्षा सर्वोपरि होती है। उनकी यात्रा के दौरान रास्ते का ट्रैफिक क्लियर किया जाता है और पर्याप्त सुरक्षाकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। राज्य सरकार द्वारा सीजेआई के लिए उपयुक्त आवास और वाहन की व्यवस्था की जाती है। इसमें उच्च श्रेणी की आरामदायक सुविधाएं शामिल होती हैं। संबंधित विभाग सीजेआई के दौरे के उद्देश्य के अनुसार एक संपर्क अधिकारी  नियुक्त करता है जो समन्वय और स्वागत में होने वाली सभी गतिविधियों का ध्यान रखता है। यह अधिकारी आमतौर पर ग्रुप-ए स्तर का गजटेड अधिकारी होता है। जिस भी कार्यक्रम में सीजेआई हिस्सा लेते हैं उन्हें वीवीआईपी अतिथि के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बाद समारोहों में उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के साथ मंच पर सर्वोच्च स्थान दिया जाता है। यदि मुख्य न्यायाधीश किसी संवैधानिक समारोह या विशेष निमंत्रण पर जा रहे हों जैसे किसी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह या हाई कोर्ट का उद्घाटन, तो प्रोटोकॉल और भी अनिवार्य हो जाता है। बीआर गवई द्वारा राज्य की अपनी पहली यात्रा के दौरान अपने सम्मान समारोह में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति पर निराशा व्यक्त करने के दो दिन बाद महाराष्ट्र सरकार ने सीजेआई को स्थायी अतिथि का दर्जा दिया। राज्य सरकार द्वारा जारी सर्कुलर में सीजेआई के महाराष्ट्र दौरे के दौरान राज्य प्रशासन और अधिकारियों द्वारा अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल की रूपरेखा तैयार की गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाले सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे निर्देशों का अक्षरशः पालन करें। सर्कुलर में कहा गया है, इसके बाद सीजेआई को स्थायी अतिथि का दर्जा मिलेगा, मुंबई और महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में सीजेआई के दौरे के दौरान संबंधित विभागों के वरिष्ठ आईएएस या आईपीएस अधिकारियों की मौजूदगी सहित सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। बाद में जब सीजेआई बीआर गवई डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए चैत्यभूमि गए तो मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, डीजीपी रश्मि शुक्ला और मुंबई के पुलिस आयुक्त पी देवेन भारती मौजूद थे।

More in राष्ट्रीय

Trending News

Follow Facebook Page

About

आज के दौर में प्रौद्योगिकी का समाज और राष्ट्र के हित सदुपयोग सुनिश्चित करना भी चुनौती बन रहा है। ‘फेक न्यूज’ को हथियार बनाकर विरोधियों की इज्ज़त, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास भी हो रहे हैं। कंटेंट और फोटो-वीडियो को दुराग्रह से एडिट कर बल्क में प्रसारित कर दिए जाते हैं। हैकर्स बैंक एकाउंट और सोशल एकाउंट में सेंध लगा रहे हैं। चंद्रेक न्यूज़ इस संकल्प के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो वर्ष पूर्व उतरा है कि बिना किसी दुराग्रह के लोगों तक सटीक जानकारी और समाचार आदि संप्रेषित किए जाएं।समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी को समझते हुए हम उद्देश्य की ओर आगे बढ़ सकें, इसके लिए आपका प्रोत्साहन हमें और शक्ति प्रदान करेगा।

संपादक

Chandrek Bisht (Editor - Chandrek News)

संपादक: चन्द्रेक बिष्ट
बिष्ट कालोनी भूमियाधार, नैनीताल
फोन: +91 98378 06750
फोन: +91 97600 84374
ईमेल: [email protected]

BREAKING